नेत्रहीनों की मदद में आईआईटी दिल्ली, इंडियाना विश्वविद्यालय एकजुट
नई दिल्ली, 10 फरवरी (आईएएनएस)| आईआईटी-दिल्ली और इंडियाना विश्वविद्यालय के तीन साल के एक सहयोगपूर्ण अनुसंधान के माध्यम से टीम ने दृष्टिबाधित और नेत्रहीनों (बीवीआई) के जीवन में सुधार लाने वाली नई प्रौद्योगिकी और संज्ञानात्मक रणनीति की खोज की है। इस सहभागिता एक शोध के लिए है, जिसके जरिए एक नए तरह का दृष्टिकोण विकसित किया जाएगा, जो स्पर्श के जरिए ग्राफिक्स को समझने में मददगार होगा।
आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर एम. बालाकृष्णन ने संवाददाताओं को बताया, यह पहली बार नहीं है, जब हम दुनिया में पहली बार कुछ प्रयास करने जा रहे हैं। अमेरिका, यूरोप, ब्रिटेन और जापान जैसे देशों में कुछ लोगों ने समान समाधान निकाला है, लेकिन मुख्य चुनौतियां भारत जैसे विकासशील देशों में इसे लागत कुशल बनाने की हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के मुताबिक, विकासशील दुनिया में करीब 3.80 करोड़ लोग नेत्रहीन हैं, जिसमें से 90 फीसदी लोग विकासशील देशों में रहते हैं।
2011 की जनगणना के मुताबिक, भारत में 50 लाख से ज्यादा लोग नेत्रहीन हैं, जो किसी भी देश से अधिक है।