डिप्रेशन यानी तनाव एक ऐसी बीमारी है जिसके कारण बहुत से हो सकते हैं। यह कभी भी किसी एक कारण से नहीं होता है बल्कि कई कारणों से मिलकर होता है जैसे केमिकल, फिज़िकल, साइकोलाजिकल। लेकिन यह बहुत ही खतरनाक होता है।एक अनुमान के मुताबिक भारत में लगभग एक मिलियन लोग डिप्रेशन के शिकार हैं। यह मानव जीवन को किसी भी प्रकार से प्रभावित कर सकता है।
डिप्रेशन से परेशान लोग रोज़ाना अंगूर खाएं। इससे ना सिर्फ दिमाग से नकारात्मक सोच मिटेगी बल्कि लाइफ पॉजिटिव बनेगी।यह बात एक हालिया शोध में पता चली है।शोधकर्ताओं का कहना है कि भोजन में अंगूर को शामिल करने से मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जबकि अंगूर रहित आहार का सेवन करने वालों को निराशा व हताशा जैसे विकारों के लिए चिकित्सकों की शरण लेना पड़ सकती है। शोधकर्ता ने बताया कि अंगूर से तैयार बायोएक्टिव डायटरी पोलीफिनॉल तनाव प्रेरित निराशा की स्थिति से बाहर निकलने में मददगार व इस रोग के इलाज में प्रभावी हो सकता है।शोध में इसका उपयोग चूहे पर किया गया और नतीजा सकारात्मक आया।
मीठे अंगूर के दाने न स़िर्फ खाने में स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि ये सेहत का खज़ाना भी है. आपको हेल्दी रखने के साथ ही अंगूर आपकी त्वचा और बालों के लिए भी फ़ायदेमंद होता है। इंस्टेंट एनर्जी के लिए भी आप अंगूर का सेवन कर सकते हैं।
* यदि आपको कमज़ोरी महसूस हो रही है, तो 25 ग्राम अंगूर खाएं और उसके बाद आधा लीटर दूध पीएं। इससे कमज़ोरी दूर होगी।
* शरीर के किसी भी हिस्से से ख़ून निकलने पर एक ग्लास अंगूर के जूस में दो चम्मच शहद घोलकर पिलाने से ख़ून की कमी दूर हो जाती है और ख़ून बहना बंद हो जाता है।
* 20-25 अंगूर को रात को पानी में भिगों दें। सुबह इन्हें मसलकर निचोडें और इस रस में शक्कर मिलाकर पीएं. पेट की गर्मी दूर हो जाएगी।
* खाने के आधा घंटे बाद अंगूर का रस पीने से खून बढता है और कुछ ही दिनों में पेट फूलना, बदहजमी जैसी बीमारियां दूर हो जाती हैं।
* एनीमिया के मरीज़ों के लिए अंगूर बेस्ट मेडिसीन है। उल्टी आने व जी मिचलाने पर अंगूर पर थोड़ा नमक व कालीमिर्च डालकर खाएं।