कैंसर का जोखिम बढ़ा सकता है जेट लैग
लंदन, 10 दिसंबर (आईएएनएस)| अगर आप लगातार यात्रा करते रहना पसंद करते हैं तो यह आपके लिए खतरे का संकेत है।
लगातार यात्रा करना जेट लैग का कारण बन सकता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, क्योंकि यह हमारे ‘बॉडी क्लॉक’ को गड़बड़ करता है और इससे शरीर में ट्यूमर बनने की आशंका रहती है। एक शोध में यह पता चला है। डेली मेल में प्रकाशित निष्कर्षो से पता चला है कि लोगों के आंतरिक बॉडी क्लॉक का उन कोशिकाओं के तेजी से बनने की प्रक्रिया पर काफी असर पड़ता है, जिनमें कैंसर को रोकने की क्षमता होती है।
बर्लिन की चैरिटे मेडिकल यूनिवर्सिटी के मुख्य लेखक एंजेला रीलोगियो के हवाले से डेली मेल में कहा गया है, हमारी आंतरिक घड़ी बाहरी प्रकाश और अंधकार के साथ तालमेल बनाते हुए चलती है और लोगों के व्यवहार व गतिविधि के स्तरों को प्रेरित करती है।
रीलोगियो ने कहा, हमारे परिणामों के आधार पर ऐसा लगता है कि क्लॉक में एक ट्यूमर शमनकर्ता के रूप में कार्य करता है।
यह शोध ‘पीएलओएस बायोलॉजी’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन के लिए टीम ने आरएएस नामक एक प्रोटीन का विश्लेषण किया, जो चूहों में लगभग एक चौथाई कैंसर वाले कोशिकाओं में सक्रिय है।
आरएएस जो शरीर में कोशिकाओं के तेजी से बहुगुणित होने को नियंत्रित करता है और वह लोगों के आंतरिक बॉडी क्लॉक को भी प्रभावित करता है।
यह दो प्रोटीनों के माध्यम से होता है – आईएनके4 और एआरएफ, जो कैंसर को दबाने के लिए जाना जाता है।
पिछला अध्ययन में पाया गया था कि कोशिकाओं के आकार में समय के साथ उतार चढ़ाव होता है, जिसे जीवन काल का निर्धारण और कैंसर की शुरुआत से जोड़ा जा सकता है।
जैविक क्लॉक में परिवर्तन हृदय रोगों और मधुमेह के खतरे को बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है।