डिजिटल थेरेपी से जांच सकते हैं 16 सप्ताह का मधुमेह प्रबंधन
नई दिल्ली, 20 नवंबर (आईएएनएस)| एशिया के शीर्ष डायबिटीज संगठन आरएसएसडीआई और वेल्थी थेरापिटिक्स ने साथ मिल कर भारत में मधुमेह डिजिटल थेरेपी को बढ़ावा देने की पहल की है। वेल्थी डिजिटल डायबिटीज थेरेपी के जरिए एक मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से अपने 16 सप्ताह के मधुमेह प्रबन्धन कार्यक्रम की प्रभावशीलता को जांच सकते हैं। भारत में अपनी तरह के इस पहले कदम के बारे में वेल्थी थेरापिटिक्स के सह संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक शाह ने कहा, भारत में मोबाइल ऐप पर क्लीनिकल परीक्षण करना अपने आप में एक अभूतपूर्व उपलब्धि होगा और हम इन अध्ययन के परिणामों के प्रति बेहद आश्वस्त हैं।
आरएसएसडीआई के अध्यक्ष डॉ. राजीव चावला ने कहा, मधुमेह की देखभाल में डिजीटल हस्तक्षेप की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है, विशेषकर भारत में। वेल्थी डायबिटीज हस्तक्षेप भारत का एक इनोवेशन है जो भारतीयों और दक्षिण एशियाई लोगों के लिए है।
उन्होंने कहा कि इस क्लीनिकल ट्रायल में मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों के लिए परिवर्तित परिणामों के मामले में जबरदस्त क्षमता है जिसकी वजह से उन लोगों के ब्लड शुगर के स्तर को बनाए रखना और आसान हो जाएगा और वे अपने जीवन की गुणवत्ता में और सुधार ला सकेंगे।
मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसका जीवन भर इलाज करने की आवश्यकता है। जीवनशैली में बदलाव लाकर ब्लड शुगर को नियंत्रण किया जा सकता है। जैसे स्वस्थ भोजन, शारीरिक गतिविधियां एवं समय पर अवश्य रूप से औषधि सेवन।
इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में मधुमेह की समस्या एक भारी बोझ बन गया है। भारत में 6.91 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित हैं तथा अन्य 7.72 करोड़ लोग आरंभिक मधुमेह से पीड़ित हैं। जिसे मधुमेह और हृदय सम्बन्धित रोगों के लिए एक अति जोखिम भरी स्थिति कही जा सकती है। इसके लिए पूरी आबादी के लिए प्रतिक्षण व्यावहारिक पर्वितन कर इस महामारी को रोका जा सकता है और इसके लिए केवल ऐसी प्रौद्योगिकी की आवश्यकता है जो कम आर्थिक लागत में इसका मुकाबला कर सके।