नई दिल्ली| एक बार फिर से वह समय आ गया है, जब पूरे देश में त्योहारों का मौसम है। इन दिनों होने वाले कई सारे त्योहारों में दशहरा भी एक है, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। प्रतीकात्मक रूप से, आज के कुछ रोगों के रूप में आज भी आधुनिक राक्षस हमारे बीच मौजूद हैं। त्योहार के इस सीजन में, रोगों से रोकथाम के उपाय करने और स्वस्थ जीवन शैली अपना कर रोग रूपी राक्षसों पर विजय प्राप्त करने की आवश्यकता है। इसलिए 4 से 8 अक्टूबर तक तालकटोरा स्टेडियम (नई दिल्ली) में आयोजित होने वाले परफेक्ट हेल्थ मेला (पीएचएम) का उद्घाटन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल करेंगे।
यह मेला स्वास्थ्य संबंधी तमाम पहलुओं और रोगों को दूर रखने के उपायों के बारे में चर्चा करने के लिए एक सही मंच प्रदान करेगा।
सेहत के कुछ तथाकथित राक्षसों में से प्रमुख हैं – तनाव, धूम्रपान, शराब, नुकसान दायक आहार, शारीरिक गतिविधि की कमी और मानसिक व शारीरिक कष्ट जिनकी हम अनदेखी करते रहते हैं। पीएचएम का उद्देश्य मनोरंजन के माध्यम से व्यापक स्वास्थ्य जागरूकता फैलाना है। इस वर्ष मेले की थीम है- डिजिटल स्वास्थ्य। मेला जिन अन्य पहलुओं पर फोकस करेगा वे हैं- स्वास्थ्य जागरूकता, प्राचीन भारतीय चिकित्सा सूत्र और संगीत व नृत्य के माध्यम से सेहत का संदेश।
इस बारे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, “निवारक स्वास्थ्य आज के समय में अत्यधिक महत्व रखता है, क्योंकि गैर-संचारी रोगों का बोझ बढ़ रहा है। पीएचएम का उद्देश्य इनमें से कुछ मुद्दों से निपटना है। मेले में नि:शुल्क जांच शिविर लगाए जाएंगे। बताया जाएगा कि कैसे जीवन शैली में बदलाव करके विभिनन रोगों से बचा जा सकता है।
मेले में प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के बारे में, डिजिटल विधियों से सेहत की स्थिति की ट्रैकिंग, प्रबंधन और सुधार के बारे में चर्चा की जाएगी। डिजिटल तरीकों को अपना कर लोगों को बेहतर और अधिक उत्पादक जीवन बिताने में सहूलियत होगी।
पीएचएम सभी आयु समूहों और जीवन के सभी क्षेत्रों से आये लोगों के लिए काफी कुछ प्रस्तुत करेगा। इसमें स्वास्थ्य शिक्षा सेमिनार, चेक-अप, मनोरंजन कार्यक्रम, जीवन शैली से जुड़ी प्रदर्शनियों, व्याख्यानों, कार्यशालाओं और प्रतियोगिताओं जैसे आयोजन रहेंगे। मेले में हर साल 200 से अधिक संगठन भाग लेते हैं, जिनमें राज्य और केंद्र सरकार, पीएसयू तथा अग्रणी कंपनियां भी भाग लेती हैं।
डॉ. अग्रवाल ने आगे कहा, “इस दशहरे पर, हमें अपनी जिंदगी से धूम्रपान और मदिरा पान जैसी बुरी चीजों को खत्म करने की प्रतिज्ञा लेनी चाहिए। हमें ट्रांस फैट, सोडियम, और चीनी की अधिकता वाले भोजन की खपत को कम करना चाहिए। संपूर्ण दृष्टिकोण के माध्यम से तनाव से निपटना और जीवन से क्रोध और नकारात्मकता को दूर करना महत्वपूर्ण है। अधिकांश जीवनशैली रोग रोकथाम करने लायक और प्रबंधनीय होते हैं, बशर्ते आवश्यक एहतियाती उपाय किए जाएं।”
उन्होंने कहा, “हमें मोटापा, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और मधुमेह कम करने की दिशा में काम करना चाहिए। जब हम यह सब करेंगे, तभी सही मायने में बुराई पर अच्छाई की जीत का सही अर्थ मिल पाएगा।”
कुछ स्वास्थ्य सुझाव :
* कार्यालय या घर पर काम करते समय थोड़ी-थोड़ी देर बाद छोटा सा ब्रेक लेकर तनाव से बचा जा सकता है। कार्बोहाइड्रेट के लिए सफेद के बजाय ब्राउन ब्रेड लें, विटामिन सी के लिए नींबू व संतरा लें, मैग्नीशियम के लिए पालक लें। स्वस्थ आहार और पर्याप्त नींद से सेरोटोनिन जैसे रसायनों का स्राव होता है, जो तनाव कम करता है।
* धूम्रपान से रक्तचाप बढ़ जाता है, हृदय गति बढ़ जाती है और मस्तिष्क में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है। आपको तुरंत इस लत से छुटकारा पाना चाहिए।
* शराब छोड़ दें, क्योंकि इससे हृदय की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और यह लीवर के सिरोसिस का कारण बन सकती है। यह मोटापे और डिप्रेशन की भी वजह बनती है।
* संतुलित आहार महत्वपूर्ण है। स्वस्थ भोजन का उपभोग करें, जिसमें आवश्यक पोषक तत्व हों। एक ही बार में ढेर सारा खाने की बजाय थोड़े अंतराल पर कम मात्रा में खाना अच्छा रहता है। पर्याप्त मात्रा में फल और सब्जियां लेना भी महत्वपूर्ण है। उच्च ट्रांस वसा, चीनी और सोडियम से युक्त भोजन का सेवन कम करना चाहिए।
* रोज कसरत करें। 5-मिनट तक तेज चलें और 10-मिनट तक शरीर को तानें व खींचे। नियमित व्यायाम उच्च रक्तचाप और मोटापे को काबू रखता है।