स्कूली पाठ्यक्रमों में शामिल हो सीपीआर
नई दिल्ली, 28 सितम्बर (आईएएनएस)| विश्व हृदय दिवस (29 सितंबर) के मौके पर बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने महत्वपूर्ण जीवन रक्षक कौशल के तहत विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करने के लिए स्कूली पाठ्यक्रमों में बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) व कार्डियो पल्मनरी रिसस्सिटेशन (सीपीआर) शामिल करने पर जोर दिया है।
बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के कार्यकारी निदेशक नरेश कपूर ने कहा, बीएलएस व सीपीआर जैसी जीवनरक्षक तकनीकों को सीखना बहुत कठिन काम नहीं है। यह तकनीक हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक की स्थिति में जिंदगी बचाने की संभावना को बढ़ा देती हैं।
कपूर ने कहा, आंकड़ों के अनुसार, भारत में दो प्रतिशत आबादी भी सीपीआर या बीएलएस करने के लिए प्रशिक्षित नहीं है। इन प्रशिक्षणों के माध्यम से हम विद्यार्थियों को इन दोनों जीवनरक्षक तकनीकों से परिचित कराकर उन्हें सशक्त बनाने के लिए प्रयासरत हैं।
उन्होंने कहा, हम सरकारी व निजी संस्थाओं के साथ जुड़ने और सातवीं कक्षा और उससे ऊपर की कक्षाओं के विद्यालयों के पाठ्यक्रम में बीएलएस व सीपीआर प्रशिक्षण के लिए ब्लूप्रिंट बनाने के लिए तैयार हैं। हमारे स्कूलों में पृथक स्वास्थ्य कक्षाएं नहीं हैं, हालांकि इन प्रशिक्षणों को आसानी से शारीरिक शिक्षा की कक्षाओं में अपनाया जा सकता है।
इसी हॉस्पिटल के हार्ट सेंटर और कार्डियोलॉजी के चेयरमैन व एचओडी डॉ. सुभाष चंद्र कहते हैं, सीपीआर कई आपातकाल स्थितियों में उपयोगी जीवनरक्षक तकनीक है, जैसे कि दिल का दौरा या डूब जाने की स्थिति में किसी व्यक्ति की सांस या हार्टबीट रुक जाती है, व्यक्ति को अचानक ही कार्डिएक अरेस्ट हो जाए, तो शुरू के 5-6 मिनट में सीपीआर का प्रयोग करने से दिल को फिर जीवंत करने में मदद मिलती है और दिमाग को स्थाई क्षति पहुंचने का खतरा कम होता है।
इसी अस्पताल के कार्डियो थोरेसिक वैस्कुलर सर्जरी के चेयरमैन और एचओडी डॉ. अजय कौल ने कहा, आपातकाल स्थितियों में तुरंत प्रतिक्रिया कई जिंदगियां बचा सकती है, अपनी इस पहल के माध्यम से हम जीवन रक्षक प्रशिक्षण को न केवल हेल्थकेयर पेशे के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण बनाने के लिए प्रयासरत हैं।
बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल हर उम्र के लोगों को संवेदनशील बनाने के लिए दिल्ली एनसीआर में 60 से ज्यादा गतिविधियों को आयोजित कर रही है, जिसमें दिल के बीमारियों की रोकथाम के लिए दिल के जांच करने के कैम्पों के साथ सीपीआर व बीएलएस तकनीकों पर प्रशिक्षण सत्र शामिल हैं।