‘देश में फिजियोथेरेपी को लेकर जागरूकता की कमी’
नई दिल्ली, 8 सितम्बर (आईएएनएस)| दुनिया भर में 8 सितम्बर वल्र्ड फीजिओथेरेपी डे के रूप में मनाया जा रहा है। फीजिओथेरेपी मेडिकल साइंस की ऐसी प्रणाली है जिसकी सहायता से जटिल रोगों का इलाज संभव होता है। देश में इसके प्रति जागरूकता कम होने से बहुत कम लोग इसका फायदा ले पाते हैं। फीजिओथेरेपी में ऑस्टिओअथराइटिस (गठिया) और स्पाइनल इंजरी जैसी जटिल बीमारियों का इलाज है। इसमें किसी तरह का साइड इफ्फेक्ट नहीं होना इसको आकर्षक बनाता है।
वल्र्ड फीजिओथेरेपी डे के उपलक्ष्य में के. आर. वी. हेल्थकेयर एंड फीजिओथेरेपी की संस्थापक और प्रबंध निदेशक डॉ. रिदवाना सनम का कहना है कि भारत में फीजिओथेरेपी को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी है। हमारी जीवन शैली दिन प्रति दिन तेज होती जा रही है, ऐसे में हमें फिजियोथेरेपी को अपना कर खुद को दुरुस्त रखना होगा।
उन्होंने कहा कि हम योग को प्राथमिक चिकित्सा की श्रेणी में ला रहे हैं जब की फीजिओथेरेपी योग का ही शुद्ध रूप है। फीजिओथेरेपी में हम मरीज की मांशपेशियों की गतिविधि समझ उसका इलाज करते हैं। खिलाड़ी, वरिष्ठ नागरिक और चोटों का इलाज इस विधि से आसानी से किया जा सकता है।
वल्र्ड कॉन्फेडरेशन ऑफ फिजिकल थेरेपी ने 8 सितम्बर को वल्र्ड फिजिओथेरेपी डे घोषित किया है, जिससे लोगो में इसके प्रति जागरूकता बढ़े और वर्तमान समय की जीवन शैली के अनुरूप उन्हें बिना किसी दुष्प्रभाव के इलाज संभव हो सके।