बच्चों में बुढ़ापा लाने वाली बीमारी का मिल गया इलाज
नई दिल्ली। कम उम्र में ही बच्चों में बुढ़ापा लाने वाला ‘प्रोजेरिया रोग’का इलाज मिल चुका है। अमेरिका स्थित ह्यूस्टन मेथोडिस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने इस रोग से पीड़ित बच्चों की कोशिकाओं का अध्ययन किया और एक शोध कर इसका खुलासा किया है।
दरअसल मानव कोशिकाओं के उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर उन्हें फिर से जवान बनाकर इस रोग पर काबू पाया जा सकता है। शोधकर्ता जॉन पी. कुक ने बताया कि अगर पीड़ित बच्चों की कोशिकाओं में बदलाव किया जाए तो दोबारा उन्हें लंबी उम्र दी जी सकती है। कोशिकाओं में पाए जाने वाले ‘टीलोमीयर्स’ पर है।
ये सभी गुणसूत्र के नोक पर स्थित होते हैं, जो गुणसूत्रों को आपस में जोड़े रखते हैं। उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है, ये टीलोमीयर्स छोटे होते जाते हैं। इसी तरह प्रोजेरिया से पीड़ित बच्चों में ये टीलोमीयर्स काफी तेजी से छोटे होते हैं।
शोध में टीलोमीयर्स के छोटे होने की प्रक्रिया को उल्टा किया गया। साझ ही जब उसकी लंबाई बढ़ाई गई तो उम्र बढ़ने संबंधी कई समस्याओं का समाधान सामने आया। इसके बाद कोशिकाओं ने सामान्य तरीके से काम करना शुरू कर दिया और उनकी आयु सीमा भी बढ़ गई।
इस पूरी प्रक्रिया के लिए राइबोन्यूक्लिक एसिड (आरएनए) चिकित्साशास्त्र तकनीक का सहारा लिया। उन्होंने एक कोशिका से टीलोमेरेज प्रोटीन को निकाला, जो टीलोमीयर्स की लंबाई बढ़ाने में मदद करता है। इस प्रोटीन को प्रोजेरिया पीड़ित कोशिकाओं में कुछ दिनों के लिए डाला गया, जिसके बाद उसकी कार्यक्षमता सामान्य हो गई और उम्र भी बढ़ी नजर आई।
इस तकनीक के इस्तेमाल से प्रोजेरिया पीड़ित कोशिकाओं का विभाजन भी बढ़ने लगा। साथ ही ये ज्वलनशील प्रोटीन का निर्माण भी करने लगे, जो कोशिकाओं की बढ़ती उम्र को दर्शाता है।