स्तनों की समस्याएं इन महिलाओं को कभी नहीं होती, जानिए वजह
वैज्ञानिकों ने दो अध्ययनों यूके बायोबैंक स्टडी और ब्रेस्ट कैंसर एसोसिएशन कंसोर्टियम स्टडी में शामिल चार लाख से ज्यादा महिलाओं के डाटा का विश्लेषण किया। इसमें पाया गया कि सुबह जल्दी जागने वाली महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा कम रहता है।
इसी तरह नींद की अवधि और अनिद्रा से भी स्तन कैंसर पर प्रभाव देखा गया। वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि सात-आठ घंटे से ज्यादा समय तक सोते रहने से भी स्तन कैंसर का खतरा अपेक्षाकृत बढ़ जाता है।
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वर्तमान जीवनशैली और आधुनिकता के चलते कैंसर किसी को भी हो सकता है। स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाली एक भयावह बीमारी है। हालांकि यह एक भ्रम है कि ब्रेस्ट कैंसर सिर्फ महिलाओं में होता है। आज पुरूषों में भी इस बीमारी की संख्या बढ़ रही है। कैंसर से बचने का सिर्फ एक ही उपाय है जागरूकता।
महिलाओं और पुरूषों में होने वाले इस कैंसर के वास्तकविक कारणों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि यह हार्मोनल या अनुवांशिक कारणों से होता है। अगर सही समय पर स्तन कैंसर की पहचान कर ली जाए और इसका इलाज शुरू कर दिया जाए, तो इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है।