एक शोध के मुताबिक वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने से हार्ट अटैक का खतरा और भी ज्यादा बढ़ सकता है। प्रदूषण के सूक्ष्म कणों के संपर्क में आने के कुछ घंटों के बाद ही हार्ट पर नकारात्मक असर पड़ने लगता है।
ये सूक्ष्म कण आकार में 100 नैनोमीटर या इससे भी छोटे होते हैं। शहरी क्षेत्रों में ऑटोमोबाइल उत्सर्जन की वजह से ये सूक्ष्म कण पैदा होते हैं। ये सांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं, जिससे मायोकार्डियल इन्फार्कशन का खतरा पैदा होता है। मायोकार्डियल, विश्वभर में हृदय रोग का एक प्रमुख रूप है।
इसे खास तौर पर हृदयाघात या दिल के दौरे के रूप में जाना जाता है। इस रोग में दिल के कुछ भागों में ब्लड सर्कुलेशन में दिक्कत पैदा हो जाती है, जिससे दिल की कोशिकाएं मर जाती हैं।
शोधकर्ताओं ने पाया कि वायु प्रदूषण के सूक्ष्म कण हृदय रोग विकसित करने में बेहद खास भूमिका निभाते हैं। पिछले शोध में कहा गया है कि वायु प्रदूषण का अधिक स्तर दिमाग के लिए बहुत हानिकारक होता है।
जाने वायु प्रदूषण कैसे बचाव करें
घर से बाहर निकलते समय पूरी बाजू के कपड़े ही पहनें।
चेहरे को अच्छी क्वालिटी वाले मास्क से सही से ढकें।
घर के खिड़की और दरवाजों बंद करके रखें जिससे प्रदूषण के कण घर में न आ सके।
आहार में विटामिन सी, ओमेगा 3 और मैग्निशियम, हल्दी, गुड़, अखरोट आदि को शामिल करें।