आज कल शायद ही ऐसा कोई घर होगा जहाँ किसी के पास स्मार्टफोन नहीं होगा। ज्यादातर लगभग सभी के पास आजकल स्मार्टफोन होता है। बहुत से लोग तो स्मार्टफोन का हर वक्त इस्तेमाल करते रहते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि मोबाइल फोन से निकलने वाली रोशनी आँखों के लिए बहुत खतरनाक होती है।
तभी ये सलाह दी जाती है की व्यक्ति को मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल एक लिमिट तक ही करना चाहिए जिससे आँखों को कोई नुकसान न हो। अक्सर ये देखा जाता है कि व्यक्ति घंटों अंधेरे में स्मार्टफोन चलाते रहते हैं और इस आदत की वजह से आई स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
अंधेरे में स्मार्टफोन देखने की आदत बड़ों ही नहीं बच्चों के लिए भी बेहद खतरनाक है। डॉक्टरों ने ये दावा किया है कि अंधेरे में स्मार्टफोन देखने से आई स्ट्रोक और बच्चों में आंखें टेढ़ी होने का रिस्क दस गुना ज्यादा बढ़ जाता है।
डॉक्टरों के अनुसार रात को सोने के समय स्मार्टफोन देखने के कारण एक व्यक्ति को आई स्ट्रोक हुआ और कुछ ही सेकेंड में ही उसकी आंखों की रोशनी चली गई। ऐसा रेटिना या आंखों के पीछे के हिस्से में मरोड़ के कारण होता है। उस व्यक्ति को अंधेरे में देर तक स्मार्टफोन पर वीडियो गेम खेलने की लत थी।
आई स्ट्रोक मस्तिष्क में होने वाले स्ट्रोक की तरह ही होता है जिसमें रेटिना तक पहुंचने वाले रक्त का प्रवाह रुक जाता है, तब आई स्ट्रोक की समस्या पैदा हो जाती है। इस बीमारी से विश्वभर में दो करोड़ से अधिक लोग परेशान हैं।
जानिए क्या होते हैं आई स्ट्रोक के लक्षण और प्रभाव
- आई स्ट्रोक से व्यक्ति की नज़र बहुत कमजोर होती जाती है या फिर धीरे धीरे दिखना भी बंद हो जाता है।
- मोबाइल फोन, टैब और लैपटॉप पर अंधरे में लम्बे समय तक नज़रे जमाए रहने से बच्चों की आंखों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।
- अगर बच्चों की दूर की दृष्टी कमजोर है और बराबर पास से देखने की वजह से आंखों पर बहुत जोर पड़ता है जिससे आँख में समस्या होने लगती हैं।
- यदि आपकी आंखों में रुखापन की समस्या हो रही है तो आई स्ट्रोक की समस्या हो सकती है।
- इसमें बच्चों की आंखें टेढ़ी होती जाती हैं।
- चश्मे का नंबर भी काफी बढ़ने लगता है।