बिहार में ‘चमकी’ का कहर, 55 बच्चों की मौत
केरल में निपाह वायरस के हाहाकार मचाने के बाद अब बिहार में नई बीमारी ने जन्म लिया है। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में सोमवार तक घातक दिमागी बुखार ‘चमकी’ से 25 बच्चों की मौत हो गई। एक हफ्ते में इस बीमारी ने 55 बच्चों की जान ले ली है। यह बीमारी बिहार के पांच जिलों में फैली हुई है।
मुजफ्फरपुर, सीतामढी, शिवहर, वैशाली, पूर्वी चंपारण से लगभग 134 चमकी के मामले सामने आए हैं। इमनें ज्यादातर पीड़ित मुजफ्फरपुर से हैं। मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों के साथ सभी चिकित्सा पदाधिकारियों को चेतावनी दी और कहा कि बच्चों के इलाज में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी। उन्होंने कहा कि इलाज को लेकर तेजी के साथ काम करें और साथ ही आम जनता को भी इस बीमरी के बारे में आगाह करें।
एक्टूड इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम और जापानी इंसेफेलाइटिस को उत्तरी बिहार में चमकी बुखार का नाम दिया गया है। चमकी बुखार के लक्षण बाकि बुखार से थोड़ा अलग है।
बुखार के लक्षण
बिना किसी बात के भ्रम होना
दिमाग संतुलित न रहना
पैरालाइज हो जाना
मांसपेशियों में कमजोरी
बोलने और सुनने में समस्या
बेहोश हो जाना
इस तरह के लक्षण दिखे तो तुरंत ही डॉक्टर के पास इसकी जांच कराएं। चमकी बुखार 4 साल से 15 साल के बच्चों के बीच देखा गया है। इस बुखार के 2012 में भी कई मामले सामने आए हैं।