ट्रेनों की लगातार लेटलतीफी से चेयरमैन खफा, टाइमिंग को पटरी पर लाने को अफसरों को कसा
नई दिल्ली। गर्मियों के मौसम में भी ट्रेनों के लगातार लेट होने से रेल यात्री काफी नाराज हैं। उनका गुस्सा भी जायज है क्योंकि 2017-18 में ट्रेनों के समय पर पहुंचने का आंकड़ा भी बेहद खराब है। इस अवधि में मात्र 70 फीसदी ट्रेनें ही समय पर स्टेशन पहुंच सकी है।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनि लोहानी ऐसे आंकड़े देखकर आगबबूला हो गए। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रेल अफसरों को कड़ी फटकार लगाई। अफसरों ने बताया कि पटरियों की मरम्मत के कारण ट्रेनों की रफ्तार को रीशिड्यूल किया गया है।
इस पर लोहानी ने कहा कि बीते साल ट्रेनों का पंक्चुएलिटी ग्राफ काफी निराशाजनक रहा है। मरम्मत का काम भी जरूरी है लेकिन जिन रूटों पर सबसे ज्यादा ट्रेन लेन हो रही है उस पर आला अफसर तत्काल ध्यान दें और नियमित निगरानी कर लेट होने का कारण पता लगाएं। एक-एक कर ट्रेन शिड्यूल को पटरी पर लाएं।
इस समय पैसेंजर से लेकर कई मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें घंटों लेट चल रही हैं। अभी तक लम्बी रूट की ट्रेनों में ऐसी समस्या आती थी, लेकिन अब कम दूरी की ट्रेनें भी घंटों लेट हो रही हैं।
लोहानी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से 8 जोन के रेल महाप्रबंधकों से बात की। ये वे जोन हैं, जहां ट्रेन ज्यादा लेट चल रही हैं। इनमें नॉर्दन रेलवे, नॉर्थ सेंट्रल रेलवे, ईस्ट रेलवे, नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे, साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे, ईस्ट कोस्ट रेलवे, ईस्ट सेंट्रल रेलवे और नॉर्थ ईस्ट सेंट्रल रेलवे शामिल हैं। लोहानी ने इन महाप्रबंधकों से चालू वर्ष में ट्रेनों की पंक्चुएलिटी पर बात की।
ट्रेनों के लगातार लेट होने से परेशान यात्रियों के लिए रेलवे ने 4 मई से 18 मई तक अभियान शुरू किया है। रेलवे बोर्ड ने महाप्रबंधक भारतीय रेलवे को आदेश जारी किए हैं।