7th PAY COMMISSION : लाखों केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन पर आई सबसे बुरी खबर, रिटायरमेंट उम्र भी नहीं बढ़ेगी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग से जुड़ी एक और बुरी खबर आ रही है। इसे अब तक के सभी वेतन आयोग की सिफारिशों के मुकाबले सबसे खराब माना गया है। साथ ही आयोग ने जितनी वेतन वृद्धि की सिफारिश की थी, उससे भी सरकारी कर्मचारी नाखुश थे। कर्मचारियों की नाराजगी को देखते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आयोग की सिफारिशों में सभी अनियमितताओं की जांच किए जाने का आश्वासन दिया था।
इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया था। हालांकि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने कहा कि वेतन वृद्धि में किसी तरह की अनियमितता नहीं है लेकिन बाद में एक और स्पष्टीकरण जारी किया गया कि जिसमें कहा गया कि वेतन वृद्धि की सिफारिश में अनियमितता है।
इस स्पष्टीकरण के बाद केंद्रीय कर्मचारी काफी खुश थे। उन्हें लग रहा था कि अब उन्हें जल्द ही वेतन वृद्धि से जुड़ी अच्छी खबर मिल सकती है लेकिन इसी बीच वित्त राज्यमंत्री पी राधाकृष्णन के एक बयान ने इन सभी कर्मचारियों की उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया।
पी राधाकृष्णन ने कहा कि मोदी सरकार 7वें वेतन आयोग की सिफारिश से ज्यादा वेतन वृद्धि पर किसी तरह का कोई विचार नहीं कर रही है। राज्यसभा में पी राधाकृष्णन ने बताया, ‘सातवें वेतन आयोग ने मीनिमम सैलरी को 18 हजार रुपये प्रति महीना और फिटमैट फैक्टर को 2.57 करने की सिफारिश की है और इसमें कोई बदलाव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।‘
केंद्रीय कर्मचारियों से जुड़ी बुरी खबर सिर्फ यहीं पर खत्म नहीं होती। केंद्र सरकार ने एक और बड़े फैसले में बताया कि उसकी केंद्रीय कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र को बढ़ाने की भी न कोई योजना है और न मंशा। केंद्रीय कर्मचारी सालों से रिटायरमेंट उम्र को 60 साल से बढ़ाकर 62 साल किए जाने की मांग करते आ रहे थे। वहीं, कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार का कर्मचारियों के रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है।