शांतिकुंज में नवरात्र साधना करने पहुंचे विभिन्न देशों के साधक
हरिद्वार, 18 मार्च (आईएएनएस)| गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में नवरात्र साधना करने के लिए भारत के सहित विभिन्न देशों के हजारों साधक पहुंचे हैं। साधकों का नवरात्र साधना का पहला दिन ध्यान साधना, हवन के साथ प्रारंभ हुआ।
शांतिकुंज मीडिया विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, नौ दिन चलने वाले इस विशेष साधना सत्र में भारत के कोने-कोने से तथा यूएसए, कनाडा, यूके, रसिया सहित कई देशों से भी अनेक लोग साधना करने पहुंचे हैं। साधक ध्यान साधना, योग हवन एवं त्रिकाल संध्या में नियमित रूप से भागीदार करेंगे।
साधकों के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि यह समय साधना के माध्यम से अपनी आंतरिक शक्ति को विकसित करने का सर्वोत्तम काल है। इन नौ दिनों में उपवास रखकर 24 हजार मंत्रों के जप का अनुष्ठान बड़ी साधना के समान परम हितकर सिद्ध होता है। कष्ट निवारण, कामना पूर्ति एवं आत्म बल बढ़ाने के साथ ही साथ यह साधना सद्विवेक अर्थात प्रज्ञा का जागरण करती है।
उन्होंने कहा कि नवरात्रि उपासना से यदि सज्जनता का अर्थात देवत्व का संगठन खड़ा हो सके तो समझना चाहिए कि हमारी साधना सार्थक हुई। उन्होंने साधना काल में श्रेष्ठ साहित्य का अध्ययन करने पर बल दिया।
प्रतिकुलपति ने कहा कि उपासना, साधना या विशेष अनुष्ठान के लिए भी यह समय अधिक उपयोगी है। जिस प्रकार उपयुक्त नक्षत्र, तिथि एवं दिवसों एवं खाद प्राप्त कर विशेष रूप से परिपुष्ट होकर उन्नत फल प्रदान करते हैं, उसी प्रकार नवरात्रि की उपासना अन्य समयों में की गई उपासना की अपेक्षा अधिक बलशाली और फलवती होती है। विभिन्न आर्षग्रंथों के उद्धरणों के माध्यम से साधना के विभिन्न पक्षों के साथ ही वैज्ञानिक पक्ष को उकेरा।