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हमारा विरोध विनियामक से, संचालक से नहीं : सीओएआई

नई दिल्ली, 24 फरवरी (आईएएनएस)| दूरसंचार क्षेत्र में चल रहे वाकयुद्ध के बीच सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने शनिवार को कहा कि उसका मतभेद किसी खास संचालक (ऑपरेटर) से नहीं, बल्कि दूरसंचार विनियामक से है। रिलायंस जियो की ओर से सीओएआई के एक पूर्व बयान को मानहानिकारक ठहराते हुए उसके लिए 48 घंटे के भीतर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की चेतावनी दी गई थी, जिसपर सीओएआई ने कहा, हमारा विरोध विनियामक के आदेशों को लेकर है न कि किसी संचालक विशेष से। हमारी मंशा किसी खास संचालक को तकलीफ देना नहीं है।

सीओएआई अपने उस पूर्व बयान पर कायम है, जिसमें उसने कहा था कि वह हालिया दूरसंचार शुल्क आदेश (टीटीओ) को लेकर दूरसंचार नियामक को अदालत ले जा सकता है।

सीओएआई के महानिदेशक राजन एस. मैथ्यू ने जियो की चेतावनी के जवाब में स्पष्ट तौर पर कहा, देश के कानून के तहत संचालक अपनी कंपनी के हितों के लक्ष्य के लिए स्वतंत्र हैं। हालांकि नियामक की भूमिका यह सुनिश्चित करने की है कि पूरे उद्योग के हितों में कंपनियों के प्रतिस्र्धी दावों का समुचित ढंग से समाधान किया जाए।

उन्होंने कहा, भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण अधिनियम (ट्राई एक्ट) के आदेश में उसे (सीओएआई) विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने का जिम्मा दिया गया है कि उद्योग का सुसंगत विकास हो। हमें जब लगता है कि ऐसा नहीं हो रहा है तो हम अपनी चिंता जाहिर करते हैं, जैसाकि किसी भी उद्योग से संबंद्ध संघ को राष्ट्रहित में क्षेत्र के विकास के लिए करना चाहिए।

इससे पहले जियो ने सीओएआई के बयान को अपमानसूचक करार देते हुए उसे 22 फरवरी को एक पत्र के जरिए कहा, सीओएआई और राजन मैथ्यू (महानिदेशक, सीओएआई) को एतद द्वारा उनके कठोर व अपमानसूचक बयानों के लिए इस नोटिस की प्राप्ति के 48 घंटे के भीतर पृथक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने व खेद जताते हुए अपने बयान का खंडन करने के लिए कहा जाता है।

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