उत्तर भारतीय परिवेश से फिल्म में वास्तविकता आती है : लव रंजन
मुंबई, 13 फरवरी (आईएएनएस)| फिल्म ‘सोनू की टीटू की स्वीटी’ की रिलीज के लिए उत्साहित फिल्मकार लव रंजन ने कहा कि उनकी फिल्मों में उत्तर भारतीय परिवेश को दिखाया जाता है, क्योंकि इससे कहानी और उसकी दुनिया को वास्तविक दिखाने में मदद मिलती है। ‘प्यार का पंचनामा’, ‘आकाशवाणी’ और ‘सोनू की टीटू की स्वीटी’ जैसी फिल्मों के जरिए रंजन ने खुद के लिए एक जगह तैयार की है, जिसमें दिल्ली के युवाओं और विभिन्न रंगों के बीच आधुनिक संबंधों के संघर्ष को समाहित किया गया है।
रंजन ने एक जैसे ढंग से परेशान होने के बारे में पूछे जाने पर आईएएनएस से कहा, दिल्ली.. उत्तर प्रदेश.. संक्षेप में, उत्तरी भाग (भारत का) मेरी दुनिया है। मैं केवल इसके लिए शहर क्यों बदलूं?
उन्होंने कहा, जिस तरह से मैं दिल्ली को जानता हूं और उसकी बारीकियों पकड़ सकता हूं, मुझे शक है कि क्या मैं मुंबई के साथ ऐसा कर सकता हूं। इस तरह मैं अपनी कहानी और अपनी दुनिया में वास्तविकता की कोशिश कर रहा हूं।
उन्होंने कहा, यदि आपको मेरी किसी भी फिल्मों में समानता मिलती है, तो इसकी वजह है कि सभी दिल्ली से हैं, इसलिए, रंग, बोलने का तरीका, लोगों और उनके बोलने का अंदाज समान दिखता है।
‘सोनू की टीटू की स्वीटी’ 23 फरवरी को रिलीज होगी। इसमें कार्तिक आर्यन, सन्नी सिंह और नुसरत भरूचा जैसे सितारे प्रमुख भूमिकाओं में हैं।