Uncategorized

महिला होने के चलते बॉलीवुड में कभी परेशान नहीं हुई : तनुजा चंद्रा

नई दिल्ली, 10 फरवरी (आईएएनएस)| फिल्म ‘करीब करीब सिंगल’ की निर्देशक तनुजा चंद्रा का कहना है कि महिला होने के कारण बॉलीवुड में उन्हें कभी किसी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा। यह पूछे जाने पर कि क्या फिल्म उद्योग में महिला निर्देशकों के लिए काम करना मुश्किल है, तनुजा ने आईएएनएस को बताया, लैंगिक आधार पर उतना नहीं होता, बल्कि एक निर्देशक फिल्म बनाने के लिए जिस तरह का विषय चुनता है, उससे अक्सर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

तनुजा ने कहा, मैंने वास्तव में महिला होने की वजह से कभी भी दिक्कत का सामना नहीं किया, बल्कि मैंने अपनी फिल्मों के लिए जो अलग व असामान्य विषय चुना, उसके लिए मुझे विरोध का सामना करना पड़ा। तो, अगर आप कुछ ऐसा बनाना चाहते हैं जो एक निश्चित सांचे या लेबल या विधा में फिट नहीं बैठता, तो मंजिल पर पहुंचने में आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।

‘दुश्मन’, ‘संघर्ष’ और ‘सुर-द मेलोडी ऑफ लाइफ’ जैसी फिल्में निर्देशित कर चुकीं तनुजा का मानना है कि देश में पर्याप्त संख्या में महिला निर्देशक नहीं हैं।

उन्होंने कहा, जब मैंने शुरुआत की, उसके बाद से संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन यह मामूली है। जब फिल्में निर्देशित करने के लिए बहुत, बहुत, बहुत सारी महिला निर्देशक होंगी..मुझे विश्वास है कि कहानी कहने की शैली बेहतर होगी।

फिल्म ‘होप एंड अ लिटिल सुगर’ (2008) के बाद इरफान के साथ वाली फिल्म से तनुजा ने नौ साल बाद वापसी की।

इस लंबे अंतराल के बारे में तनुजा ने कहा कि एक निर्देशक के लिए सफर किसी कलाकार या लेखक, निर्माता की अपेक्षा कहीं ज्यादा लंबा है। पटकथा पर काम करना पड़ता है, फिर निर्माताओं और कलाकारों से संपर्क करना पड़ता है, जिसमें काफी समय लग जाता है। सिर्फ फिल्म की रिलीज के दौरान लोगों का ध्यान इस ओर जाता है।

उन्होंने कहा कि इस अंतराल के दौरान वह पटकथा पर काम करती रही और कुछ प्रोजेक्ट शूटिंग के पड़ाव तक पहुंचे, लेकिन बाद में उन्हें रोकना पड़ा। सौभाग्य से ‘करीब-करीब सिंगल’ के साथ ऐसा नहीं हुआ और यह बनने के बाद सफलतापूर्वक रिलीज हुई।

यह फिल्म टीवी चैनल एंड पिक्चर्स पर 17 फरवरी को दिखाई जाएगी। फिल्म में दक्षिण भारतीय अभिनेत्री पार्वती भी हैं।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close