इंटरनेट जोखिमों से बच्चों को जागरूक रहना चाहिए : गूगल
नई दिल्ली, 6 फरवरी (आईएएनएस)| बच्चों को इंटरनेट जोखिमों को लेकर जागरूक रहना चाहिए, जो उन्हें वेब के दुष्परिणामों और प्रतिकूल प्रभावों से बचा सकता है।
गूगल के एक शीर्ष कार्यकारी ने मंगलवार को सुरक्षित इंटरनेट दिवस 2018 को मनाने वाले एक सम्मेलन में यह बात कही। गूगल इंडिया की ट्रस्ट एंड सेफ्टी निदेशक सुनिता मोहंती ने संवाददाताओं को बताया, हम सभी के लिए इंटरनेट लाना चाहते हैं। वेब को सभी के लिए सुरक्षित रखना एक साझा जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा, जब इंटरनेट ने हर दिन की जानकारी साझा कर हमारी जिंदगी को आसान बना दिया है तो हमें इसके परिणामों, प्रतिकूल अनूभव जो हमें खतरों के प्रति कमजोर बनाते हैं उनसे भी जागरूक रहने की जरूरत है।
मोहंती ने कहा, महिलाएं, बच्चे और व्यस्क इंटरनेट के बुर प्रभावों के प्रति कमजोर हैं इसलिए इसके संभवित खतरें के बारे में उन्हें संवेदनशील बनाने की बहुत ज्यादा जरूरत है।
भारत दुनिया में इंटरनेट का प्रयोग करने वाले देशों में दूसरे स्थान पर है। 2017 में भारत ने 40 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ताओं का आंकड़ा पार कर लिया है और अगले दो सालों में यह आंकड़ा 65 करोड़ को पार कर जाएगा।
स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव अनिल स्वरूप ने संवाददाताओं से कहा, इंटरनेट एक परमाणु ऊर्जा की तरह है जिसका उपयोग औरप दुरुपयोग किया जा सकता है। इसके पास हमारी मदद करने की अपार क्षमता है, लेकिन इसके पास समाज और व्यक्तिगत संरचनाओं को नुकसान पहुंचाने की भी क्षमता है।
सेफर इंटरनेट दिवस 2018 के मौके पर गूगल इंडिया ने एनसीईआरटी के साथ साझेदारी की घोषणा की। इस साझेदारी के जरिए स्कूलों में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) पाठ्यक्रम में ‘डिजिटल नागरिकता और सुरक्षा’ का कोर्स अनिवार्य किया जाएगा।
‘डिजिटल नागरिकता और सुरक्षा’ का मुख्य ध्यान इंटरनेट के एक जिम्मेदार उपयोगकर्ता के रूप में बनने पर केंद्रित होगा। यह न सिर्फ ऑनलाइन सुरक्षित रहने के बारे में जागरूक करेगा, बल्कि फैसले लेने का अभ्यास भी कराएगा। इसके अलावा यह दूसरों को सुरक्षित रहने और अन्य लोगों का सम्मान करने में मदद करेगा।