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‘लोकतंत्र के चारों खंभों पर संकट के बादल’

नई दिल्ली, 3 फरवरी (आईएएनएस)| राष्ट्रीय राजधानी के गांधी शांति प्रतिष्ठान में शनिवार को लोकक्रांति संकल्प सभा का आयोजन किया गया, जिसमें वक्ताओं ने कहा कि देश में संवैधानिक लोकतंत्र पूर्णत: विफल हो गया है।

मौजूदा दौर में संवैधानिक लोकतंत्र के चारों खंभों- विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और पत्रकारिता पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। लोकक्रांति मोर्चा द्वारा आयोजित सभा की अध्यक्षता प्रसिद्ध गांधीवादी एवं मानवतावादी चिंतक रामनगीना सिंह ने की। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की कथित जनविरोधी आर्थिक एवं विकास नीतियों के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर जनांदोलन चलाने के लिए लोकक्रांति के पहले कदम के रूप में घोषणापत्र जारी किया।

वक्ताओं ने कहा कि देश में संवैधानिक संकट है। देश हजारों सालों की सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक गुलामी की जंजीरों में फिर से जकड़ गया है। देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्ति के लिए लोकक्रांति आज समय की जरूरत बन गई है, जिसे वैकल्पिक राजनीति एवं विकास के कार्यक्रम द्वारा ही शुरू किया जा सकता है।

लोक क्रांति मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक गोविंद यादव ने कहा कि कार्यक्रम के अगले चरण के रूप में सभी राज्यों के प्रमुख स्थानों या राज्यों की राजधानियों में लोकक्रांति सभा का आयोजन किया जाएगा। उसके बाद जून के प्रथम सप्ताह में दो दिवसीय राष्ट्रीय लोकक्रांति संकल्प सभा का आयोजन किया जाएगा।

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