यूरोपीय देशों को भारत कर सकेगा अॉर्गेनिक सी-फूड की आपूर्ति
गोवा, 28 जनवरी (आईएएनएस)| भारत आने वाले दिनों में यूरोपीय देशों को ऑर्गेनिक सी-फूड यानी जैविक समुद्रीय उत्पादों की आपूर्ति कर सकेगा।
दरअसल, भारत के समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) और स्विट्जरलैंड की सबसे बड़ी खुदरा और थोक कंपनियों में शामिल कॉप कॉपरेटिव के बीच यहां जैविक समुद्री उत्पादों की खेती को लेकर एक समझौता हुआ है। एमपीईडीए के अध्यक्ष डॉ. ए. जयतिलक तथा कॉप के प्रबंधन सदस्य जेरार्ड ज्यूरलटर ने आज यहां चल रहे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय सी-फूड शो, 2018 के मौके पर हस्ताक्षर किए।
यूरोप में जैविक उत्पादों की बढ़ती मांग के मददेनजर यह समझौता किया गया।
डॉ. जयतिलक ने कहा, यूरोप में जैविक उत्पादों के बारे में जागरूकता बढ़ रही है और वहां इसका अच्छा खासा बाजार है और भारतीय एक्वाकल्चर उद्योग इसका लाभ उठा सकता है।
शुरू में पायलट प्रोजेक्ट केरल में लगभग 1000 हेक्टेयर क्षेत्र में जैविक ब्लैक टाइगर श्रिंप (पनीस मोनोडन) का उत्पादन किया जाएगा और अगर यह सफल रहा तो देश के अन्य स्थानों पर भी इसका विस्तार किया जाएगा।
एमपीईडीए और कॉप जैविक झींगा बीज के उत्पादन के लिए झींगा हैचरी के प्रमाणीकरण की सुविधा प्रदान करेंगे और इसी तरह से इस परियोजना के लिए कार्बनिक खाद्य स्रोत की जरूरत को पूरा करने के लिए छोटे पैमाने की फीड मिल यूनिट को प्रमाणित और सूचीबद्ध करेंगे।