‘महिला प्रधान फिल्म बनाने के लिए भारत को और साहसी निर्माताओं, लेखकों की जरूरत’
कोलकाता, 14 जनवरी (आईएएनएस)| बॉलीवुड अभिनेत्री सोहा अली खान का कहना है कि फिल्म उद्योग को ज्यादा संख्या में साहसी निर्माताओं और लेखकों की जरूरत है क्योंकि अभी भी महिला प्रधान फिल्में कम बन रही हैं।
सोहा ने शनिवार को इस बात का जिक्र किया कि देश में प्रतिभावान महिला कलाकारों की कमी नहीं होने के बावजूद महिला प्रधान फिल्म इस बात की गारंटी नहीं है कि यह लागत निकालने में सफल रहेगी क्योंकि इसके दर्शक सीमित संख्या में होते हैं।
सोहा ने यहां आयोजित एपीजे कोलकाता साहित्य महोत्सव के दौरान कहा, मुझे लगता है कि चीजें बदल रही हैं और सभी आयु वर्ग की महिलाओं के लिए ज्यादा अच्छी भूमिकाएं हैं। महिला प्रधान फिल्में भी बन रही हैं, लेकिन वे अभी भी कम संख्या में हैं और हमें अभी भी इस बात का ख्याल रखना पड़ता है कि एक निश्चित बजट में ही हम फिल्म बनाए। आपको इस बारे में सोचना पड़ता है कि आपको अपना पैसा कैसे वापस मिलेगा क्योंकि इस तरह की फिल्मों के लिए दर्शक सीमित संख्या में होते हैं।
अभिनेत्री ने कहा, मुझे लगता है कि हमें और अधिक साहसी निर्माताओं और लेखकों की जरूरत है क्योंकि जहां तक महिला कलाकारों का सवाल है तो देश में कई अवश्विसनीय प्रतिभाएं मौजूद हैं।
बंगाली भाषा की दो फिल्में कर चुकीं सोहा ने कहा कि अगर उनके पास कोई अच्छी पटकथा लेकर आता है तो वह फिर से बंगाली फिल्म में काम करना पसंद करेंगी।