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अभिव्यक्ति की आजादी को स्वच्छंद नहीं होना चाहिए : रस्किन बॉन्ड

भुवनेश्वर, 12 जनवरी (आईएएनएस)| फिल्मकार संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ को लेकर मचे विवाद के बीच मशहूर लेखक रस्किन बॉन्ड ने शुक्रवार को कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को स्वच्छंद नहीं होना चाहिए।

बॉन्ड ने यहां टाटा स्टील भुवनेश्वर साहित्य महोत्सव के तीसरे संस्करण में कहा, मुझे नहीं लगता कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बिना किसी शर्त का, स्वेच्छाचारी होना चाहिए। हमें अपने आपको इस देश में रहने के लिए भाग्यशाली मानना चाहिए। दुनिया में रहने के लिए भारत से बेहतर कोई जगह नहीं है।

उन्होंने कहा, क्या मैं चीन में रहना पसंद करूंगा, क्या मैं वियतनाम, बांग्लादेश, सीरिया, लेबनान या कुछ अन्य देशों में रहना पसंद करूंगा? निश्चित ही, नहीं।

बॉन्ड फिल्म पद्मावत पर उठे विवाद और साहित्यिक आजादी के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे।

प्रकृति को आधार बना कर अपना अधिकांश लेखन करने वाले रस्किन बॉन्ड ने जलवायु परिवर्तन पर भी बात रखी और कहा कि लोगों को अपने आसपास के प्राकृतिक माहौल का ख्याल रखना चाहिए जिसने जीवन को संभव बनाया हुआ है।

उन्होंने कहा कि भले ही अब इलेक्ट्रॉनिक गजेट आ गए हों, लेकिन कुछ भी कागज की किताबों की जगह नहीं ले सकता।

बच्चों का साहित्य रचने के लिए दुनिया भर में मशहूर रस्किन बॉन्ड की एक झलक पाने के लिए बच्चे और किशोर लाइन में लगे रहे। उन्होंने इनके तमाम सवालों के जवाब दिए जिनमें से कई उनकी विख्यात कृतियों से जुड़े थे।

उन्होंने नवोदित लेखकों को सलाह भी दी। उनसे कहा कि शब्दों से प्यार करें, भाषा का सम्मान करें और कभी-कभार होने वाली निराशाओं के लिए तैयार रहें।

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