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‘विविधता विरोधी मेमो’ लिखने वाले पूर्व कर्मचारी ने गूगल पर किया मुकदमा

सैन फ्रांसिस्को, 9 जनवरी (आईएएनएस)| पिछले साल ‘विविधता को बढ़ावा देने वाली नीतियों’ को लेकर गूगल की आलोचना करने के बाद कंपनी से बर्खास्त कर दिए गए कर्मचारी जेम्स डेमोर ने कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। उसका कहना है कि गूगल में श्वेत पुरुषों के खिलाफ भेदभाव होता है। ‘रीकोड’ वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डेमोर ने सोमवार को कैलिफोर्निया की अदालत में दायर एक मुकदमे में कहा है कि गूगल ने ‘उन्हें और उनके साथी मुद्दई को निष्कासित, अपमानित और दंडित किया।’

डेमोर ने कहा कि वह और अन्य लोग जो लंबे अर्से से गूगल को लेकर अपने विचार साझा करते रहे हैं, उन्हें उनके अधिकारों का उल्लंघन करते हुए अलग-थलग किया गया, दुर्व्यवहार किया गया और सुनियोजित तरीके से दंडित करते हुए गूगल से निकाल दिया गया।

उन्होंने कहा कि गूगल का विविध पृष्ठभूमि वाले कर्मचारियों को नौकरी पर रखना कॉकेशियन और पुरुष कर्मचारियों के प्रति ‘अपमानजनक भेदभाव’ के स्वरूप को दिखाता है।

गूगल ने इन आरोपों पर अभी टिप्पणी नहीं की है।

डेमोर ने 10 पेज का ‘विविधता विरोधी मेमो’ लिखे जाने पर बर्खास्त होने के बाद पिछले साल अगस्त में वॉल स्ट्रीट जनरल में ‘वाई आई वाज फायर्ड बाई गूगल’ (गूगल से मैं क्यों निकाला गया) शीर्षक से एक खुला आलेख लिखा था।

गूगल के भारतीय मूल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई ने डेमोर के मेमो को अपमानजनक बताया था। बाद में परिसर में एक कोडिंग इवेंट में लड़कियों को संबोधित करते हुए पिचाई ने कहा था, गूगल में आपके लिए जगह है। किसी और को कुछ और न कहने दें। आपका संबंध यहां से है। हमें आपकी जरूरत है।

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