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बच्चे की Potty से पता चलता है उसके इंटेलिजेंट होने का, जानें कैसे

नई दिल्ली। शादी के एक दो साल बीत जाने के बाद अगर बच्चे नहीं होते तो लोगों को उसकी चिंता सताने लगती है। और बच्चे हो जाते हैं तो उनके जन्म के बाद मां-बाप की सबसे बड़ी चिंता यही होती है कि उनका बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है या नहीं। वो मानसिक और शारीरिक रूप से किसी कमजोरी का शिकार तो नहीं है। पर अब ये पता कर पाना संभव है कि बच्चा तार्किक होगा या नहीं। हाल ही में हुए एक रिसर्च में कहा गया है कि बच्चे के पहले मल अर्थात उसकी पोटी से इस बात का पता लगाया जा सकता है कि वो आगे चलकर तार्किक होगा या नहीं।

हम जो बात कह रहे है उस पर आप यकीं नहीं करेंगे पर यह सत्य है। जी हां, रिसर्च के अनुसार बच्चे के पोटी से पता चलता है कि बच्चे का आइक्यू लेवल क्या है? साथ ही ये भी मालूम किया जा सकता है कि उसका मानसिक स्तर ठीक होगा या नहीं।

शोधकर्ताओं का मानना है कि पहले मल के रासायनिक लेवल से इस बात का पता चल जाता है कि वयस्क होने पर उसे ऐसी कोई समस्या तो नहीं हो जाएगी। बच्चे के पहले मल (मेकोनियम) में पाए जाने वाले फैटी एसिड इथाइल इस्टर्स (एफएईई) से पता चल जाता है कि गर्भावस्था के दौरान उसे जन्म देने वाली महिला ने शराब का सेवन किया था। अगर गर्भावस्था के दौरान महिला ने शराब का सेवन किया है तो इसका सीधा असर बच्चे के मानसिक विकास पर पड़ता है। जिसे बच्चे के पहले मल के परीक्षण से पता किया जा सकता है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि फैटी एसिड इथाइल इस्टर्स और आईक्यू के बीच गहरा संबंध होता है। जिसका असर किशोरावस्था में ही दिखाई देने लगता है। ये शोध प्रोजेक्ट न्यूबॉर्न का एक हिस्सा है, प्रोजक्ट न्यूबॉर्न 20 सालों के दौरान करीब 400 से ज्यादा बच्चों पर शोध किया है। अब तो आप जान ही गये होंगे कि कैसे बच्चे के पोटी से यह पता लगाया जा सकता है कि वह आगे चलकर कैसा होगा।

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