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हिंदी शोधार्थियों को मिलेगी ज्ञानवृत्ति

नई दिल्ली, 15 दिसंबर (आईएएनएस)| हिंदी भाषा में मौलिक शोध को बढ़ावा देने के लिए दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति की शुरुआत की जा रही है।

इसके अंतर्गत साहित्य से इतर अन्य विषयों, मसलन राजनीति शास्त्र, समाजशास्त्र, इतिहास और कूटनीति आदि में हिंदी में मौलिक शोध कराने के लिए शोधार्थियों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।

विज्ञप्ति के अनुसार, आवेदन सिर्फ ऑनलाइन ही स्वीकार किए जाएंगे। आवेदनकर्ताओं को संबंधित विषय पर हजार शब्दों में एक सिनॉप्सिस भेजना होगा, जिसके आधार पर दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति का सम्मानित निर्णायक मंडल मंथन कर विषय और शोधार्थी का चयन करेंगे। चयनित विषय पर शोधार्थी को कम से कम छह महीने और अधिकतम नौ महीने के लिए दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति दी जाएगी।

दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों के मुताबिक, हर महीने पचहत्तर हजार रुपये मानदेय दिए जाने का प्रावधान है।

ज्ञानवृत्ति के दौरान चयनित शोधार्थी को हर तीन महीने पर अपने कार्य की प्रगति रिपोर्ट विशेषज्ञों के समक्ष प्रस्तुत करनी होगी। शोध की समाप्ति के बाद शोधार्थी को करीब दो सौ पन्नों की एक पुस्तक प्रस्तुत करनी होगी। दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति के तहत किए गए शोधकार्य के प्रकाशन में दैनिक जागरण मदद करेगा, लेकिन पुस्तक पर शोधार्थी का सर्वाधिकार सुरक्षित होगा।

दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति के दायरे को ध्यान में रखते हुए निर्णायक मंडल के सम्मानित सदस्यों का चयन किया गया है। चयन मंडल के सदस्य और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल के प्रो. एस.एन. चौधरी को शोध का लंबा अनुभव है। दूसरे सदस्य शक्ति सिन्हा हैं, जो आर्थिक कूटनीति के विशेषज्ञ हैं और वर्तमान में नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी के निदेशक हैं। इसके अलावा चयन समिति में दैनिक जागरण संपादक मंडल भी मौजूद रहेगा।

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