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पंजाब में 9 फीसदी से अधिक घटा गेहूं का रकबा

नई दिल्ली, 30 नवंबर (आईएएनएस)| देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में शुमार पंजाब में इस साल गेहूं का रकबा पिछले साल के मुकाबले नौ फीसदी से अधिक घट गया है। पंजाब के कृषि विभाग की ओर इस हफ्ते जारी रबी फसल बोआई के चालू सीजन (2017-18) के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 28.19 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बोआई हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के रकबे 31.12 लाख हेक्टेयर से 9.41 फीसदी कम है। पिछले कुछ वर्षो में पंजाब में गेहूं का औसत रकबा 35 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है। इस साल प्रदेश सरकार ने 34.90 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती का लक्ष्य रखा है, जबकि पिछले साल पंजाब में किसानों ने 34.95 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बोआई की थी।

अन्य रबी फसलों के रकबे में इजाफा

28 फरवरी को जारी बोआई के आंकड़ों के अनुसार, इस साल पंजाब में जौ की खेती पिछले साल के 8,000 हेक्टेयर के मुकाबले 10000 हेक्टेयर में हो चुकी है। जबकि सरकार ने जौ की खेती के लिए 15,000 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा है। चने का रकबा भी पिछले साल के 2,000 हेक्टेयर के मुकाबले 3,000 हेक्टेयर में हो चुका है। वहीं, प्रदेश के किसान मसूर की बोआई पिछले साल के 1,000 हेक्टेयर के मुकाबले 4,000 हेक्टेयर भूमि में कर चुके हैं। अन्य रबी दलहनों की खेती भी पिछले साल के 3,000 हेक्टेयर की तुलना में 5000 हेक्टेयर में की गई है।

इसी तरह, तिलहन फसलों में प्रदेश के किसानों ने अब तक 37,000 हेक्टेयर में सरसों की बोआई की है, जबकि सरकार का लक्ष्य 40,000 हेक्टेयर है। पिछले साल की तुलनात्मक अवधि में पंजाब में सरसों का रकबा 32,000 हेक्टेयर था।

कुल रबी फसलों का रकबा पिछले साल से कम

इस हफ्ते जारी आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब में रबी फसलों का कुल रकबा 28.78 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है, जो पिछले साल की समान अवधि के 31.58 लाख हेक्टेयर से 2.8 लाख हेक्टेयर कम है। सरकार ने इस साल 35.58 लाख हेक्टेयर में रबी फसलों की खेती का लक्ष्य रखा है। पिछले साल 35.41 लाख हेक्टेयर में रबी फसलों की खेती हुई थी। राज्य में रबी फसलों का पिछले कुछ साल का औसत रकबा 35.52 लाख हेक्टेयर है।

गेहूं का रकबा घटने की वजह

कृषि विभाग ने अपनी रपट में कहा है कि शुष्क मौसम व धुंध की वजह से गेहूं की बोआई में कमी आई है। लेकिन कृषि वैज्ञानिक मानते हैं कि गेहूं की बोआई के लिए देशभर में मौसम कुल मिलाकर अनुकूल है।

नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के प्रमुख वैज्ञानिक शिवधर मिश्रा ने कहा कि इस साल नवंबर की शुरुआत में ही तापमान में गिरावट आ गई थी, इसलिए मौसम गेहूं की बोआई के लिए अनुकूल है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि धान की कटाई में देरी हुई हो, जिसके कारण गेहूं की बोआई विलंब से शुरू हुई हो।

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के बाद पंजाब देश का तीसरा प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्य है। लेकिन सरकारी एजेंसियां सबसे ज्यादा गेहूं पंजाब में ही खरीदती हैं। इस पिछले रबी विपणन वर्ष में सरकार ने बफर स्टॉक के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएससी) 1625 रुपये प्रति कुंटल की दर से 117 लाख टन गेहूं पंजाब से खरीदा था, जबकि देशभर में कुल 308 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी।

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