नई दिल्ली, 27 नवंबर (आईएएनएस)| दिल्ली-एनसीआर के बाहरी इलाको में लगातार पिराली जलाए जाने की गतिविधियों और मौसम में प्रतिकूल परिवर्तन के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अगले तीन दिनों तक वायु गुणवत्ता खराब रहेगी। राष्ट्रीय राजधानी के छह क्षेत्रों में सोमवार को वायु गुणवत्ता ‘बहुत गंभीर या आपातकालीन’ और ‘गंभीर’ रही।
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एयूआई) दिन के दौरान भी प्रदूषक की उच्च एकाग्रता के साथ ‘बहुत गंभीर’ रहा।
दिल्ली-एनसीआर में प्रमुख प्रदूषक पीएम2.5 या 2.5 मीटर से कम व्यास वाले कणों का औसत मूल्य 216 यूनिट रहा। जबकि अकेले दिल्ली में दोपहर के समय औसत मूल्य 219 रहा।
एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉर्कास्टिंग एंड रिसर्च (एसएएफएआर) के अनुसार सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है और दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता अगले तीन दिनों में अधिक खराब होगी।
दिल्ली-एनसीआर स्थित एसएएफएआर के सभी दस नियंत्रण केंद्रों पर दोपहर दो बजे पीएम2.5 का मूल्य 315 से 376 यूनिट के बीच रहा। एसएएफएआर ने लोगों को बाहरी गतिविधियों से बचने की सलाह दी है।
अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार पीएम2.5 के लिए सुरक्षित श्रेणी 25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और राष्ट्रीय मानकों के अनुसार 60 यूनिट हैं।
मौसम के विश्लेषकों के मुताबिक, दिल्ली की हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम (पंजाब से आने वाली) से बदलकर पश्चिम हो गई है लेकिन नमी में बढ़ोतरी के कारण वायु प्रदूषण अगले दो दिनों में और बढ़ेगा।
निजी मौसम पूवार्नुमान एजेंसी स्काइमेट के निदेशक महेश पलवत ने आईएएनएस को बताया, 29 नवंबर तक हवाएं फिर से उच्च नमी दक्षिण-पश्चिम की हवाओं में बदल दिया जाएगी जिसके कारण क्षेत्र में धुंध का निर्माण होगा। उच्च आद्र्रता के साथ हवा की प्रदुषक को पकड़ने की क्षमता में बढ़ोतरी होगी।