निर्माण कार्यो से प्रभावित हो रहा व्यापार मेला
नई दिल्ली, 17 नवंबर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में इन दिनों अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) चल रहा है। इस मेले में व्यापार करने अफगानिस्तान से आए व्यापारियों का पिछले साल नोटबंदी के कारण खराब अनुभव रहा, तो इस साल वे यहां चल रहे निर्माण कार्यो की वजह से परेशान हैं।
फिर भी उन्हें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में हालात सुधरेंगे।
वे भारत के लोगों के लिए विभिन्न प्रकार के सूखे फल, कालीन और अर्ध-कीमती पत्थर के गहने लाए हैं, लेकिन इन अफगान विक्रेताओं के चेहरे मेले के तीसरे दिन भी उतरे नजर आए। वजह यह कि खरीदार कम आ रहे हैं।
काबुल से आए सूखे-फलों के व्यापारी सिद्दीकुल्ला ने आईएएनएस से कहा, पिछले साल नोटबंदी थी। अगर हम पुराने नोट लेते, तो उन्हें बैंक में बदलना काफी मुश्किल था। बाद में हम पुराने नोट भी लेने लगे, क्योंकि लोगों के पास नए नोट नहीं थे। हमने बैकों में भारी कमीशन देकर वे नोट बदलवाए। इस वर्ष भी मेला खराब ही जा रहा है, क्योंकि आईटीपीओ ‘भारत व्यापार संवर्धन संगठन’ यहां कुछ निर्माण कार्य करवा रहा है।
आईटीपीओ एक आधुनिक एकीकृत प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन केंद्र (आईईसीसी) का निर्माण कर प्रगति मैदान का पुनर्विकास कर रहा है। वे कह रहे हैं कि 2019 में इसके पूरा होने पर लगभग 15,000 प्रतिभागियों को इसमें समायोजित किया जाएगा।
एक अन्य व्यापारी शबीर अली ने कहा, इस बार मेनगेट पर टिकट नहीं मिल रहे हैं, जिस वजह से लोग यहां आकर वापस जा रहे हैं।
वहीं, आईटीपीओ के प्रवक्ता ने कहा कि हां, इस वर्ष प्रवेशद्वार पर टिकट नहीं मिल रहे हैं। लोग विभिन्न मेट्रो स्टेशन और ऑनलाइन माध्यम से टिकट खरीद सकते हैं।
उन्होंने कहा, हमने यह बदलाव लोगों की सुविधा और डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए किया है।
आईटीपीओ के अनुसार, इस वर्ष मेले में अपेक्षित लोगों की संख्या पिछले वर्ष आए लोगों की संख्या का आधा है।
आईटीपीओ के प्रवक्ता ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा, पिछले साल लोगों की संख्या 14 लाख थी। इस वर्ष मेला आधे हिस्से में हो रहा है और हम 10 दिनों में हर रोज 60,000 लोगों के आने की अपेक्षा कर रहे हैं। पहले चार दिन सिर्फ व्यापारियों के लिए हैं।
हाथों से बने कालीन बेचने वाले अब्दुल कादिर को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में मेले में आने वाले ग्राहकों की संख्या में वृद्धि होगी।
अब्दुल कादिर ने कहा, अभी तक हमने ज्यादा कालीन नहीं बेचे हैं, हम उम्मीद करते हैं कि इस हफ्ते के आखिर तक यहां ज्यादा खरीदार आने लगेंगे।