बैंकों का पुनर्पूजीकरण सकारात्मक कदम, पहले उठाना चाहिए था : बिमल जालान
नई दिल्ली, 11 नवंबर (आईएएनएस)| सरकार द्वारा हाल ही में सरकारी बैंकों के पुर्नपूजीकरण के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गर्वनर बिमल जालान ने शनिवार को कहा कि इस कदम की बहुत पहले से अपेक्षा थी।
नेशनल काउंसिल ऑफ अप्लाइड इकॉनमिक रिसर्च (एनसीएईआर) द्वारा आयोजित भारतीय अर्थव्यवस्था के 2017-18 के मध्य वर्ष की समीक्षा में जालान ने कहा, वर्तमान परिस्थितियों में बैंकों का पुर्नपूजीकरण बहुत ही सकारात्मक कदम है। लेकिन हमने इसे पहले क्यों नहीं किया।
उन्होंने कहा कि यह कदम 2014 में ही उठाया जाना चाहिए था और कहा कि इसमें तीन साल की देरी हुई।
उन्होंने हालांकि सरकारी बैंकों का सेहत सुधारने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और कहा, जो भी कार्रवाई की जा रही है, वे सभी बहुत ही सकारात्मक हैं।
सरकारी बैंकों के बढ़ते एनपीए (फंसे हुए कर्जे) पर जालान ने कहा कि इसके तेजी से बढ़ने के कारणों का अध्ययन किया जाना चाहिए।
जालान के मुताबिक केंद्र में बहुमत सरकार होने के कारण दीर्घकालिक सुधार, कठिन सुधार, राजनीतिक सुधार, आर्थिक सुधार, प्रशासकीय सुधार और सरकारी कंपनियों में सुधार अब काफी व्यवहार्य हैं।
उन्होंने कहा कि यदि भारत को भविष्य में अपनी पूर्ण क्षमताओं का दोहन करना है तो मध्यम और दीर्घकालिक अवधि में कुछ बुनियादी मुद्दों से निपटना आवश्यक है।
जालान ने कहा, हमें समय पर कार्रवाई और क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है। राजनीतिक नेतृत्व नौकरशाही और प्रशासनिक सुधारों की प्रगति की निगरानी कर सकता है।