फिल्में अब पैसे से नहीं, दिमाग से बनती हैं : संजय मिश्रा (साक्षात्कार)
नई दिल्ली, 10 नवंबर (आईएएनएस)| पिछले 25 सालों से मुख्यधारा और ऑफ-बीट फिल्मों में खुद को संतुलित बनाए हुए अनुभवी अभिनेता संजय मिश्रा का कहना है कि मौजूदा समय के ‘चतुर’ दर्शक फिल्म निर्माताओं को अनूठी कहानियों को ढूंढने के लिए पैसे के बजाय उनके दिमाग का इस्तेमाल करने को प्रेरित कर रहे हैं।
‘गोलमाल अगेन’ में अपनी अदाकारी से तारीफ बटोरने वाले संजय अब अपनी आगामी फिल्म ‘कड़वी हवा’ की रिलीज की तैयारी कर रहे हैं जो जलवायु परिवर्तन पर आधारित है। इस फिल्म में संजय एक 70 साल के नेत्रहीन व्यक्ति की भूमिका निभा रहे हैं।
संजय ने आईएएनएस से कहा, आजकल, किसी फिल्म का बजट उतना मायने नहीं रखता है। आप 200 करोड़ रुपये खर्च करते हैं या 2 करोड़ रुपये खर्च करते हैं, फिल्म देखने जाने वाले को इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है। दर्शक सार्थक सिनेमा की मांग कर रहे हैं। प्यार-मोहब्बत की कहानियां अब पुरानी हो चुकी हैं, क्योंकि लोग जानते हैं कि इन फिल्मों की तरह जीवन 25 की उम्र के बाद खत्म नहीं होता है।
उन्होंने कहा, आंखों देखी ने यह साबित किया है। मैं इस उम्र में भी मुख्य भूमिकाएं निभाने के लिए अमिताभ बच्चन का शुक्रगुजार हूं। अब फिल्में दिमाग से बनती हैं, केवल पैसे से नहीं। फिर चाहें आप कपूर, खान या चोपड़ा हों, अगर कहानी दर्शकों के दिमाग पर सटीक असर छोड़ने में सक्षम नहीं है तो आपकी फिल्म काम नहीं करेगी।
संजय ने कहा कि एक अभिनेता के तौर पर वह मुख्यधारा व ऑफ-बीट सिनेमा दोनों का ही आनंद लेते हैं।
उन्होंने कहा, मल्टी-स्टारर फिल्मों में कहानी विभिन्न पात्रों पर आधारित होती है हालांकि ‘कड़वी हवा’ का नायक मैं हूं और फिल्म को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी मेरे कंधों पर है। यह एकमात्र अंतर है। दो घंटों में आपको एक कहानी को प्रस्तुत करना है, जो दर्शकों को पैसा वसूल महसूस हो। इसलिए इसके नायक को बहुत कुछ करना है और उस पर दबाव है।
संजय के अनुसार, भाग्य से दर्शकों ने मुख्यधारा व ऑफ-बीट फिल्मों दोनों में ही मेरे काम को पसंद किया है। मुझे भी दोनों में काम करना पसंद है। लेकिन मुख्यधारा की फिल्में मेरे लिए टी-20 मैच की तरह होती हैं। वहीं, ऑफबीट एक टेस्ट मैच की तरह जहां मुझे एक पिच पर तीन दिनों तक रहना होता है।
‘कड़वी हवा’ 24 नवंबर को रिलीज हो रही है। इस फिल्म में रणवीर शौरी और तिलोत्तमा शोम भी नजर आएंगे। यह फिल्म कई फिल्मोत्सव में तारीफें बटोर चुकी है।