छग : राजकीय सम्मान के साथ विदा हुई मावली माता की डोली
जगदलपुर, 8 अक्टूबर (आईएएनएस/वीएनएस)। बस्तर दशहरा में शामिल होने दंतेवाड़ा से जगदलपुर पहुंची मां दंतेश्वरी, मावली माता की सामूहिक महाआरती की गई। पुलिस जवानों की ओर से गार्ड ऑफ आनर देने के बाद ससम्मान विदाई शनिवार को की गई।
बस्तर राजपरिवार के कमलचंद्र भंजदेव ने माटी पुजारी के रूप में मां की डोली को कंधे पर उठाकर जिया डेरा तक पैदल चलकर विदाई की रस्म अदा की। इस दौरान भक्त पूरे मार्ग पर पुष्पवर्षा करते रहे। जगह-जगह आतिशबाजी की गई। माता के जयकारे के साथ दर्शन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा।
विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक बस्तर दशहरा के अनेक महत्वपूर्ण रस्मों में से एक अंतिम रस्म मावली विदाई विधान शनिवार की सुबह 11 बजे से शुरू हुआ। सबसे पहले दंतेश्वरी मंदिर के समक्ष विशाल मंच पर माता की डोली सजाई गई। सम्मान में गार्ड ऑफ आनर दिए। इसके पश्चात यहां से करीब 3 किमी दूर जीया डेरा तक माता की डोली राजपरिवार के कमलचंद्र भंजदेव व अन्य सदस्य दंतेश्वरी मंदिर के पुजारियों का दाल कंधों पर लेकर निकला। इस दौरान 1100 मंगल कलशों के साथ महिलाएं व युवतियां सड़क के दोनों ओर कलश यात्रा निकाली। जगह-जगह आतिशबाजी की गई।
जिस मार्ग से माता की डोली निकली वहां विभिन्न समाज के लोगों ने रंगोली सजाकर माता का स्वागत किया। मावली परघाव रस्म की तरह ही बस्तर दशहरा में मावली विदाई का विधान भी धूमधाम से किया जाता है। 75 दिनों तक चलने वाले बस्तर दशहरा मावली विदाई के साथ ही समाप्त हुआ।
मावली विदाई के दौरान व्यवस्था बनाए रखने जिला व पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के तगड़े इंतजाम कर रखे थे। दंतेश्वरी मंदिर से जीया डेरा तक सड़क के दोनों ओर पुलिस के जवान हाथों में रस्सी लेकर भीड़ को कंट्रोल करते रहे। सुबह से ही इस मार्ग पर जगह-जगह पुलिस के जवान तैनात किए गए थे।