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उत्तराखंड में चार ट्रैकर और पांच पोर्टर को निकालने के लिए सेना ने कसी कमर

रुद्र्रप्रयाग(जोशीमठ)। केदरानाथ पैदल टै्रक पर पांच दिन से फंसे नौ टै्रकर को अब तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। खबरों की मानें तो ओएनजीसी, इंडियन ऑयल के चार ट्रैकर और पांच पोर्टर पिछले पांच दिन से बदरीनाथ-केदारनाथ ट्रैक के तीसरे पड़ाव पनपतियां में अब भी फंसे हैं। हालांकि वायु सेना और सेना ने इसे निकालने की पूरी कोशिश कर रहे हैं लेकिन अब तक उन्हें कामयाबी नहीं मिल सकी है। वायु सेना और सेना ने इसी सम्बंध में गुरुवार को भी कोशिश की थी लेकिन उनके हेलीकॉप्टरों को उतरने की जगह नहीं मिलने के चलते वह सफल नहीं हो सके। माना जा रहा है कि शुक्रवार को फिर वायु सेना और सेना इस काम के लिए अपने अभियान को तेज करेंगे।


ट्रैकरों की तलाश में गुरुवार को सेना और वायु सेना के हेलीकॉप्टरों ने तीन बार उड़ान भरी। पायलटों के अनुसार उन्हें पनपतिया के बर्फीले मैदान में रंग-बिरंगी कपड़ों से बना एक क्रॉस, तिरंगा, कुछ पॉलीथिन की सीट और बर्तन नजर आए। संभवत: ये सभी लोग वहां पर हैं। मौके पर हेलीकॉप्टर के उतरने की जगह न होने के कारण ट्रैकरों तक नहीं पहुंचा जा सका। रेस्क्यू के लिए वायु सेना से दो चीता हेलीकॉप्टर मंगाए गए हैं।

रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक पीएन मीणा ने बताया उनकों खोजने का काम और तेज किया जायेगा। उन्होंने कहा कि उनकी मदद के लिए खाने के सामान नीचे गिराया जा रहा है। रुद्रप्रयाग पुलिस के अनुसार ऊखीमठ से पैदल रवाना हुई 10 सदस्यीय पुलिस, आपदा और एसडीआरएफ की टीम रास्ते में ही रुकी है।

मौसम खराब होने के कारण टीम को आगे बढऩे में मुश्किल हो रही है। खबरों की मानें तो 70 किमी के बदरीनाथ-मद्महेश्वर ट्रैक पर जहां ट्रैकर फंसे हैं, वह स्थान बूड़ा मद्महेश्वर से करीब 22 किमी की दूर पर है। इस इलाके में लगातार बर्फबारी होती है जबकि कोहरा होने के कारण पहुंच से काफी दूर है। कुल मिलाकर उम्मीद की जा रही है सेना और वायु सेना की मदद से पांच दिन से फंसे ट्रेकरों को निकाल लिया जायेंगा।

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