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देश की यात्रा कर भारत की विविधता की खुशबू महसूस करें : मोदी

नई दिल्ली, 24 सितम्बर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लोगों से देश की यात्रा कर ‘भारत की विविधता की खुशबू को महसूस करने’ का आग्रह किया और कहा कि विभिन्न राज्यों की परंपराओं, संस्कृति, पोशाक, खानपान को जानने व सीखने का प्रयास कीजिए।

प्रधानमंत्री ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि यह लोगों के मन और अभिव्यक्तियों को दर्शाता है। उन्होंने लोगों से खादी अपनाने का आग्रह किया और कश्मीरी युवक द्वारा राज्य में सफाई अभियान चलाने के लिए उसकी प्रशंसा की। उन्होंने सेना में अधिकारी के तौर पर शामिल होने वाली दो सैनिकों की विधवाओं की तारीफ की।

प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के आज (रविवार) तीन साल पूरे हो गए।

उन्होंने ‘स्वच्छ भारत’ अभियान की गति पर संतोष जताया।

मोदी ने कहा, यह चिंता की बात है कि लोग विदेशों की यात्रा करते हैं और वहां की ‘महज बनावटी चमक’ देखकर प्रभावित होते हैं, लेकिन हम अपने देश को नहीं देखते, हम इसकी विविधताओं को नहीं जानते, न ही उसे हम समझते हैं।

मोदी ने कहा कि पर्यटन का महत्व और बढ़ जाएगा जब लोग सिर्फ यात्री के तौर पर नहीं, बल्कि एक छात्र के तौर पर यात्रा करेंगे।

उन्होंेने कहा कि उन्होंने 500 जिलों की यात्रा की और इनमें से 450 में ठहर चुके हैं। इससे वे प्रधानमंत्री की भूमिका में खुद को सहज महसूस करते हैं।

उन्होंने कहा, हमें भारत की विविधता, स्पर्श, खुशबू को महसूस करना चाहिए.. विदेशों की महज बनावटी चमक देखकर हमने विदेश यात्राएं शुरू कर दी हैं। आप पूरी दुनिया की यात्रा करें, मुझे कोई समस्या नहीं है, लेकिन अपने देश पर भी नजर डालें.. हमारा देश असंख्य विविधताओं से भरा हुआ है।

महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक व स्वामी विवेकानंद व पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का उद्धरण देते हुए मोदी ने कहा कि इन सब ने खुद में भारत को जीने का प्रयास किया था।

मोदी ने कहा, क्या हम एक छात्र के तौर पर अपने देश की परंपरा, संस्कृति, पोशाक, खानपान की आदतों व विभिन्न राज्यों की मान्यताओं, विभिन्न समाज व समूहों को जानने, समझने व सीखने का एक प्रयास कर सकते हैं? पर्यटन में एक महत्वपूर्ण वृद्धि होगी जब आप सिर्फ एक यात्री के तौर पर ही नहीं, बल्कि एक छात्र के तौर पर इन्हें समझने, अपनाने का प्रयास करेंगे।

मोदी ने लोगों से अपने राज्यों में अपनी पसंद के सात बेहतरीन पर्यटक स्थलों को भेजने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि इनकी जांच कर एक सूची बनाई जाएगी, जिसे लोकप्रिय बनाया जाएगा। उन्होंने लोगों से देश में बेहतरीन पर्यटक स्थलों की जानकारी को साझा करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि लोग पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख उत्प्रेरक के तौर पर कार्य कर सकते हैं। उन्होंने लोगों से तस्वीरें व अनुभव हैशटैग ‘अतुल्य भारत’ के साथ सोशल मीडिया पर डालने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने अच्छा यात्रावृत्तांत लिखने का भी अनुरोध किया।

मोदी ने कहा कि ‘विविधता में एकता’ महज एक नारा नहीं है, बल्कि ‘यह विशाल ऊर्जा का भंडार है’ और ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का सपना इसमें निहित है।

प्रधानमंत्री ने लोगों से खादी आंदोलन को आगे बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह गरीब लोगों की सहायता का एक जरिया है। उन्होंने कहा, हमें गरीबों की सहायता की भावना का पालन करना चाहिए, जिससे वे दीवाली में दीपक जलाने में सक्षम हों।

उन्होंने 18 साल के बिलाल डार को बधाई दी, जो पांच सालों से सफाई कार्य में जुटे हुए हैं। डार कश्मीर घाटी में वुलर झील से प्लास्टिक, पालीथिन व इस्तेमाल की गई बोतलें व दूसरे कचरे निकालते हैं। मोदी ने श्रीनगर नगर निगम द्वारा डार को ब्रांड एंबेसडर बनाए जाने की तारीफ की।

मोदी ने लेफ्टिनेंट निधि दूबे व लेफ्टिनेंट स्वाति महाडिक की प्रशंसा की। दोनों महिलाएं सेना में अपने पति के निधन के बाद अधिकारी के तौर पर शामिल हुई हैं। उन्होंने दोनों महिलाओं को असाधारण बहादुर बताया और कहा कि ये लाखों देशवासियों के लिए एक नई प्रेरणा हैं।

मोदी ने ‘मन की बात’ को अपने देशवासियों के भावनाओं व एहसास की यात्रा बताया। मोदी ने कहा कि उन्होंने इस रेडियो कार्यक्रम को राजनीति से दूर रखा है।

मोदी ने कहा कि उन्हें मन की बात से अनुभव हुआ है कि एक छोटा-सी घटना भी बड़ा अभियान बन सकती है।

मोदी ने कहा, देश हमेशा सही दिशा में जाने के लिए तैयार है। देश का हर नागरिक दूसरों के लाभ के लिए कुछ सामाजिक कार्य व देश की प्रगति के लिए कुछ करना चाहता है। यह सबसे मूल्यवान पूंजी है और किसी भी देश की बड़ी ताकत है।

स्वच्छता अभियान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह संकल्प से सिद्ध की तरफ जा रहा है और इससे सभी जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि अब कोई सार्वजनिक जगह पर गंदगी फैलाता है तो लोग विरोध करते हैं।

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