इस लड़की को पुकारते है ‘स्नेक गर्ल’, हुई ऐसी बीमारी कि उतारनी पड़ती है चमड़ी
छतरपुर। इनका नाम है शालिनी यादव। मध्य प्रदेश के छतरपुर में रहने वाली यह मासूम बच्ची अभिशप्त सी दिखती है।
इसे आसपास के लोग ‘स्नेक गर्ल’ कहकर पुकारते हैं क्योंकि यह हर छह महीने में सांप की केंचुली की तरह अपनी स्किन यानी त्वचा को निकालती है। बता दें कि ऐसा वह टाइम पास करने के लिए नहीं, बल्कि मजबूरी में करती है। ऐसा करते वक्त उसे बहुत दर्द का सामना भी करना
होता है।
दरअसल, शालिनी इरिथोडर्मा नामक बीमारी से पीडि़त है। इसे रेड मैन सिंड्रोम भी कहते हैं। यही कारण है कि उसकी त्वचा काफी सख्त है।
इसलिए उसे हर घंटे नहाना पड़ता है और लगातार मॉइसचराइजर लगाना पड़ता है ताकि उसकी स्किन सख्त न पड़ने पाए।
शालिनी के पिता राजबहादुर दिहाड़ी मजदूर हैं और मां देवकुंवर सामुदायिक केंद्र में काम करती हैं। घर की आर्थिक हालत कमजोर थी। फिर भी मां-बाप ने इलाज में कोई कसर न छोड़ी।
इस बीमारी के कारण शालिनी को चलने फिरने में भी जब तकलीफ होने लगी तो उसका इलाज जिला अस्पताल, झांसी मेडिकल कॉलेज, ग्वालियर मेडिकल कॉलेज समेत कई जगहों पर कराया गया, लेकिन हर जगह परिवारीजनों को मायूसी ही हाथ लगी।
अब शालिनी को नई जिंदगी मिलने वाली है। स्पेन के एक अस्पताल ने बच्ची का इलाज मुफ्त में करने और आजीवन दवाइयां दिलाने का वादा किया है।
शालिनी अपने पिता के साथ स्पेन रवाना हो चुकी हैं। यहां मलागा शहर में विक्टोरिया यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में उसका इलाज होगा। डॉक्टरों को उम्मीद है कि इस इलाज के बाद बच्ची बिना छड़ी की मदद से चलने भी लगे जाएगी।
शालिनी को यह मदद तब मिली जब एजेंसी ‘न्यूजलायन’ ने उसकी खबर प्रमुखता से प्रकाशित की। इसके बाद शालिनी की खबर स्पेन के एल मुंडो अखबार में भी छपी और देखते ही देखते कई विदेशी पोर्टल की सुर्खियां बन गईं।
तभी विक्टोरिया यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों की भी इस पर नजर पड़ी। उन्होंने शालिनी यादव के परिवार से संपर्क किया और इलाज की पूरी व्यवस्था की। शालिनी को उम्मीद है कि वह इस सर्जरी के बाद ठीक हो जाएंगी और वापस स्कूल भी जा सकेंगी।