यहां प्रेमी जोड़े के यादगार इश्क और शहादत में चलते हैं पत्थर
छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में मोहब्बत के लिए जान देने वाले प्रेमी युगल की याद में मंगलवार अपराह्न तीन बजे से गोटमार मेले में पत्थरबाजी होगी। प्रशासन ने सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त किए जाने के साथ मेला क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
छिंदवाड़ा जिले के पांढुरणा कस्बे में पोला त्योहार के दूसरे दिन जाम नदी के किनारे मेला लगता है। इस मेले को गोटमार मेला कहा जाता है।
पुरानी मान्यता के अनुसार, सावरगांव का एक लड़का पांढुरणा की लड़की से प्यार करता था। वह लड़की को भगा ले जाता है। इसी पर दोनों गांव के लोगों के बीच जमकर पत्थर चलते हैं। इसमें प्रेमी युगल की नदी के बीच में ही मौत हो जाती है। इन्ही दोनों की याद में हर साल गोटमार मेला का आयोजन होता है।
परंपरा के मुताबिक, जाम नदी के बीच में झंडा लगाया जाता है। नदी के दोनों किनारों पर गांव के लोग खड़े होकर उस झंडे को गिराने के लिए पत्थर चलाते हैं। जिस गांव के लोग झंडे को गिरा देते हैं, वे विजेता माने जाते हैं।
छिंदवाड़ा के पांढुरणा में परंपरा के मुताबिक, चंडीमाता के मंदिर के करीब जाम नदी पर सावरगांव और पांढुर्ना के लोगों के बीच गोटमार (गोट से आशय पत्थर) मेले में पत्थरबाजी होती आई है। इसी क्रम में मंगलवार को भी यहां गोटमार मेला लगा है।
पांढुर्ना के अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व (एसडीएम) डी.एन. सिंह ने बताया कि मेले के दौरान पत्थरबाजी रोकने के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। करीब एक हजार पुलिस जवानों की तैनाती की गई है।