कैसे रेमण्ड ग्रुप के मालिक सिंघानिया को बेटे ने ला दिया सड़क पर
नई दिल्ली। कहते हैं वक्त कभी एक सा नहीं रहता। हो सकता है जो आज अर्श पर है उसे कल फर्श पर आना पड़े। कुछ ऐसा ही हुआ 12 हजार करोड़ के ग्रुप रेमंड के मालिक विजयपत सिंघानिया के साथ, जो आज मुंबई की एक सोसायटी में किराए के घर में रह रहे हैं। उनके बेटे ने भी उनसे नाता तोड़ लिया है।
विजयपत सिंघानिया ने अपने वकील के जरिए अपने बेटे गौतम पर आरोप लगाया है कि उसने उन्हें दर-दर की ठोकरें खाने के लिए अकेला छोड़ दिया है। वह कंपनी को अपनी निजी जागीर समझता है और किसी की भी नहीं सुनता है। उसने मुझे पैसे-पैसे का मोहताज बना दिया है।
दरअसल, विजयपत सिंघानिया ने इस आशा में कि बुढ़ापे में बेटा उनका सहारा बनेगा, कंपनी में अपने सारे शेयर फरवरी 2015में बेटे के नाम कर दिए थे। इन शेयरों की कीमत करीब 1000 करोड़ रुपए थी। इसके बाद से ही गौतम के व्यवहार में परिवर्तन आने लगा।
उसने धीरे-धीरे अपने पिता को बेसहारा छोड़ दिया। इतना ही नहीं गौतम ने उनसे उनकी गाड़ी और ड्राइवर भी छीन लिए, जिसके बाद से सिंघानिया मुंबई के ग्रैंड पराडी सोसायटी में किराए के मकान में अकेले रह रहे हैं।
कभी मुकेश अंबानी के एंटीलिया से भी ऊंचे जेके हाउस में रहने वाले विजयपत सिंघानिया के साथ बेटा ऐसा सलूक करेगा किसी को भी इसका यकीन नहीं हो रहा है।
इन्हीं सब के बाद विजयपत सिंघानिया ने कोर्ट में याचिका दायर कर मालाबार हिल स्थित पुनर्विकसित 36 मंजिला जेके हाउस में डुप्लेक्स का पजेशन मांगा है।
आपको बता दें कि जेके हाउस 1960 में बना था। बाद में इसका पुनर्निर्माण कराया गया। इसके बाद इसके चार ड्यूप्लेक्स में से विजयपत सिंघानिया और गौतम, वीनादेवी (सिंघानिया के भाई अजयपत सिंघानिया की विधवा) और उनके बेटों अनंत और अक्षयपत सिंघानिया को एक-एक ड्यूपलेक्स मिलना था| इसके लिए विजयपत सिंघानिया ने कोर्ट में याचिका दायर की है, जिससे उन्हें रहने का ठिकाना मिल सके।