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भारतीय आयुर्वेदिक मसाज से नन बनी कामवासना की क्वीन

किस बात से जिंदगी में बदलाव आ जाए इसका अंदाजा पहले से बिल्कुल नहीं लगाया जा सकता है। कुछ इसी तरह की कहानी भारतीय आर्युवेद की है। जिस किसी ने भी भारतीय आर्युवेद की तरफ अपना रुझान किया बदले में उसे अपनी जिंदगी बदली हुई मिली। डमचो डायसन तो पहले नन ही थे लेकिन आयुर्वेदिक मसाज ने उन्हें कामसूत्र की रानी बना दिया।

नन रह चुकीं डमचो दलाई लामा की अटेंडेंट के रूप में काम करती थीं। नन के रूप में काम करते समय डमचो की लाइफ काफी साधारण और ईश्वर को ही समर्पित रहती थी लेकिन भारत की यात्रा ने उनकी जिंदगी को पूरी तरह से पलट कर रख दिया। डमचो डायसन अब अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहती हैं। अब वह पीएचडी करना चाहती हैं और इसके लिए अब वो पैसे जुटाने में लगी हुईं हैं।

डायसन का मेलबर्न से था ताल्लुक

डमचो डायसन ने दस साल तक मेलबर्न में एक नन के रूप में काम किया है लेकिन इस काम में उनका मन नहीं लगता था। अपने मन में बार-बार जलते एक सवाल का जवाब ढूंढने के लिए डमचो डायसन भारत की यात्रा पर आईं और यहां एक मसाज ने उनकी जिंदगी को एक नई दिशा दे दी। डमचो का कहना है कि भारत यात्रा के दौरान एक आयुर्वेदिक मसाज से उनकी काम वासना फिर से जाग उठी और इसके बाद वे ब्रिटेन की मशहूर नॉटी नन के रूप में मशहूर हो गईं।

2011 तक डमचो डायसन को दुनिया के लैटेक्स और कामसूत्र क्लब में जाना जाने लगा। डमचो ने अपनी एक पोस्ट में इस बात का खुलासा किया था कि ‘एक बार उन्हें ये अहसास हुआ कि उनका दिमाग और शरीर एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है।’ उनका शरीर जो चाहता है उनके दिमाग में वही विचार आते हैं। डमचो डायसन कहती हैं कि नन का काम करते हुए अचानक से उन्हें अपने शरीर में प्राणों का बोध हआ और फिर उन्होंनें मोनेस्ट्री छोडऩे का फैसला लिया।

डमचो डायसन बताती हैं कि नन का काम छोडक़र ब्रिटेन और पब्स से जुडऩे का जरिया उन्हें अपनी भारत की यात्रा के दौरान ही मिला। अपने गर्भपात के बाद वो तो एक नन के रूप में साधारण जीवन जीने के लिए तैयार थीं किंतु एक भारतीय मसाज ने उनकी कामवासना को फिर से जगा दिया और इसी कारण आज वो यहां पर हैं।

 

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