कोका कोला इंडिया फाउंडेशन चलाएगा जल परियोजनाएं
चेन्नई | कोका कोला इंडिया फाउंडेशन सूखा प्रभावित तमिलनाडु और महाराष्ट्र में जल परियोजनाएं शुरू करने की सोच रही हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी और कहा कि इससे कंपनी के खिलाफ दक्षिण भारत में दायर किए गए अदालती मामले और व्यापार संघों द्वारा कोला के बहिष्कार से कोई लेना-देना नहीं है। कोका कोला इंडिया फाउंडेशन के कार्यक्रम प्रबंधक हिमांशु थपलियाल ने हाल ही में अपनी मध्य प्रदेश की यात्रा के दौरान बताया, “हम तमिलनाडु और महाराष्ट्र में जल संबंधी परियोजनाएं शुरू करने पर विचार कर रहे हैं। वर्तमान में हमारी एकमात्र जल परियोजना तमिलनाडु के तिरूनेलवेली जिले में चल रही है।”
थपलियाल ने राज्य सरकार द्वारा दाखिल अदालती मामले के मद्देनजर कहा, “हम अपने संयंत्रों के निकट परियोजनाएं नहीं चलाते। इस परियोजना का कंपनी से कोई लेनादेना नहीं है, जो पेय पदार्थ बनाने और बेचने के कारोबार में है।”
फाउंडेशन ने गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) हरितिका के साथ मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में छतरपुर के पटना गांव में परियोजना शुरू की है। यह गांव खजुराहो से 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो कामुक मूर्तियों वाले मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। परियोजना के तहत पानी की कमी से जूझ रहे इस गांव में एक चेक डैम, सौर ऊर्जा चालित बोरबेल, तालाब की खुदाई और अन्य काम किए गए। हरितिका के मुख्य अधिकारी अवनी मोहन सिंह ने चेन्नई से दौरे पर आए पत्रकारों से कहा, “पटना गांव में चेक डैम, सौर चालित बोरबेल और तालाब की खुदाई के बाद 200 एकड़ क्षेत्र में खेती में तेजी आई है। पहले यहां केवल एक सीजन में ही फसल उगाई जाती थी और उसके बाद लोग मजदूरी करते थे।”
ढाई एकड़ जमीन रखनेवाले किसान रामाधीन ने कहा, “पहले मैं साल में केवल एक फसल उगाता था। लेकिन अब मैं अमरूद, आम और करौंदा भी उगाता हूं। साथ ही मिर्च की फसल भी उगाता हूं।” ग्रामीण गोविंद सिंह ने कहा, “अब गांव के युवा रोजगार के लिए बाहर नहीं जा रहे हैं।” कंपनी अधिनियम की धारा 25 के तहत पंजीकृत गैर लाभकारी संगठन, कोका कोला इंडिया फाउंडेशन विभिन्न एनजीओ, लाभार्थी संगठनों और सहकारी समितियों को स्थाई विकास परियोजनाओं के लिए धन मुहैया कराता है।