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आधार के लिए आंखों की पुतली ज्यादा भरोसेमंद

नई दिल्ली | आधार नंबर के प्रमाणीकरण के लिए फिंगरप्रिट के मिलान के तरीके में विफलता की दर काफी अधिक है। ऐसे में आंखों की पुतलियों (आइरिश) की पुष्टि करने वाले स्मार्टफोन काफी अधिक विश्वसनीय हो सकते हैं। मोबाइल डिवाइसेज के लिए कंज्यूमर ग्रेड आइरिश स्कैनिंग प्रौद्योगिकी की दिग्गज कंपनी डेल्टा आईडी इंक ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
डेल्टा आईडी इंक के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सलिल प्रभाकर ने एक बयान में कहा, “हमारा मानना है कि आधार बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण से संबंधित मुद्दों को आइरिश एकीकृत (पुतलियों के आंकड़ों का मिलान कर उसकी पुष्टि करने वाले) स्मार्टफोन और टैबलेट सुलझा सकते हैं।”
तेलंगाना द्वारा पिछले माह जारी आंकड़ों के मुताबिक, मनरेगा में आधार बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण में विफलता की दर राज्य में 36 फीसदी तक है। मनरेगा योजना ग्रामीण रोजगार गारंटी मुहैया कराती है।
प्रभाकर ने कहा, “हम आश्वस्त हैं कि बाजार द्वारा पुतलियों की पुष्टि करने की क्षमता वाली किफायती मोबाइल डिवाइस को अपनाने के बाद आधार प्रमाणीकरण की विफलता की दर काफी कम हो जाएगी।”
आंखों की पुतलियां उम्र के साथ प्रभावित नहीं होती है और इसके माध्यम से सभी उम्र समूह के लोगों की पहचान की पुष्टि बिना किसी विफलता के की जा सकती है।

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