महिला सशक्तिकरण का उत्तम उदाहरण हैं जसप्रीत कौर
नई दिल्ली | ‘जहां चाह वहां राह’ की कहावत को छत्तीसगढ़ की जसप्रीत कौर ने भलिभांति सच कर दिखाया है और अपनी इस राह से वह अन्य महिलाओं को भी आगे बढ़ने की न केवल प्रेरणा दे रही हैं, बल्कि इसमें उनकी मदद भी कर रही हैं। सिख समुदाय से ताल्लुक रखने वाली महिलाओं के लिए शादी के बाद घर-गृहस्थी संभालना प्राथमिकता होती है, लेकिन कम उम्र में शादी के बाद पति का साथ मिलने से जसप्रीत ने अपनी शिक्षा पूरी की और अपनी सोच के दम पर अन्य को भी शिक्षित किया।
37 वर्षीया जसप्रीत आज उन हजारों महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जो 14 दिवसीय कम्प्यूटर प्रशिक्षण शिविर के जरिए स्वयं को आर्थिक और मानसिक रूप से सशक्त कर पाई हैं।
जसप्रीत की कहानी कंप्यूटर उत्पाद बनाने वाली कंपनी इंटेल ने अपनी पत्रिका ‘एक कदम उन्नती की ओर’ में प्रकाशित की है, जिसे इंडियन स्कूल ऑफ बिजनस (आईएसबी) ने अनुलेखित किया है। इस रिपोर्ट को कांतर आईएमआरबी ने तैयार किया है।
जसप्रीत ने शादी के बाद पति के समर्थन से अपनी बी.कॉम की पढ़ाई को पूरा किया और उसके बाद पीजीडीसीए का कोर्स कर कम्प्यूटर की शिक्षा ली। पर्सनल कम्प्यूटर की शिक्षा को हासिल करने के बाद जीवन में आए सकारात्मक बदलाव को देखकर जसप्रीत ने अन्य महिलाओं के जीवन में भी इसी प्रकार का बदलाव लाने के बारे में सोचा और यहीं से उनके जीवन का एक नया अध्याय शुरू हुआ।
पिछले 10 साल से वह भिलाई में कम्प्यूटर प्रशिक्षण केंद्र में महिलाओं को इसका ज्ञान दे रही हैं। कम्प्यूटर शिक्षा की ओर उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए जसप्रीत 14 दिवसीय कम्प्यूटर प्रशिक्षण शिविर चलाती हैं, जिसमें कोई भी नि: शुल्क इसका ज्ञान हासिल कर सकता है।
जसप्रीत का मानना है कि कम्प्यूटर की शिक्षा से महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ता है और वह प्रत्येक पृष्ठभूमिक की महिलाओं को इसका ज्ञान देना चाहती हैं, ताकि वे सभी आत्मनिर्भर बन सकें।
जसप्रीत के प्रशिक्षण केंद्र से पूर्णिमा और शबनम के जीवन में भी बड़ा परिवर्तन आया। जसप्रीत की मदद से पूर्णिमा ने प्राथमिक स्तर पर कम्प्यूटर का ज्ञान हासिल किया और इसके कारण, वह आज अपनी नौकरी के जरिए अपने परिवार को वित्तीय सहायता दे रही हैं और बच्चों की पढ़ाई में भी पूरा साथ दे रही हैं।
पूर्णिमा के अलावा, रूढ़ीवादी मुस्लिम परिवार से आई शबनम ने भी जसप्रीत की मदद से कम्प्यूटर सीखा। शबनम का कहना है कि आज के समय में कम्प्यूटर का ज्ञान न होना अशिक्षित होने के समान है। अपने कम्प्यूटर प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से जसप्रीत करीब 2,000 स्थानीय महिलाओं को डिजिटल शिक्षा देकर सशक्त कर चुकी हैं, जो समाज में सिर उठाकर चल सकती हैं।