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महिला शिक्षक संगठनों की ओर महावरी के दिनों में विशेष अवकाश की मांग

लखनऊ: उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ की अध्यक्ष सुलोचना मौर्य ने राज्य के सरकारी स्कूलों में शौचालयों की खराब स्थिति को ध्यान में रखते हुए हर महीने तीन दिन के पीरियड लीव की मांग के लिए अभियान शुरू किया है। सुलोचना मौर्य ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में शौचालयों की खराब स्थिति को देखते हुए महिला शिक्षकों के लिये तीन दिन का ‘पीरियड लीव’ जरूरी है।

इस बाबत सुलोचना मौर्य के नेतृत्व में प्रदेश की महिला शिक्षकों ने बीते दिनों आनलाइन अभियान चलाया।समस्त महिला शिक्षकों एवं अन्य महिला कर्मियों को पीरियड की समस्या पर माह में तीन दिन का पीरियड लीव देने के लिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित करते हुए ट्विटर मांग के समर्थन में महाअभियान चलाया गया। बता दें कि भारत में कई प्राइवेट कंपनियां महिलाओं को पीरियड लीव देती हैं।

इस अभियान के बारे में बताते हुए सुलोचना मौर्या ने कहा, ‘अधिकतर स्कूलों में शिक्षक 200 से 400 छात्रों के साथ शौचालयों का इस्तेमाल करते हैं. मुश्किल से ही शौचालयों की सफाई हो पाती है। वास्तव में अधिकतर महिला शिक्षिकाएं यूरिन (मूत्र) संबंधी संक्रमण से जूझ रही हैं। वे स्कूलों में शौचालय जाने से बचने के लिए पानी नहीं पीती। अक्सर उन्हें गंदे शौचालय का इस्तेमाल करने या फिर खेतों में जाने के विकल्पों में से ही एक ही चुनाव करना पड़ा है। यह मुश्किल है विशेष रूप से जब शिक्षिकाएं माहवारी से गुजर रही हो क्योंकि हम में से कुछ को दूर-दराज के गांवों में बने स्कूलों तक पहुंचने के लिए 30 से 40 किलोमीटर क सफर तय करना पड़ता है।

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