कोरोना मरीजों में वायरस के अलग-अलग लक्षणों से परेशान वैज्ञानिक, पढ़ें पूरी खबर
कोरोना के कुछ रोगियों में केवल सामान्य सर्दी-जुकाम की शिकायत होती है, तो कुछ में संक्रमण के लक्षण नहीं होते हैं। उसी समय, बड़ी संख्या में संक्रमित लोग इतने बीमार हो जाते हैं कि उन्हें वेंटिलेटर पर रखने से भी जान चली जाती है। इनमें से कई की इलाज के दौरान मौत भी हो जाती है। अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक अब विभिन्न रोगियों में कोरोना संक्रमण की गंभीरता के स्तर में अंतर के कारणों का पता लगा रहे हैं।
आइसलैंड की जेनेटिक रिसर्च फर्म ‘डिकोड जेनेटिक्स’ के विशेषज्ञों के अनुसार, यह सर्वविदित है कि उम्र के अलावा मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अस्थमा और कैंसर जैसी बीमारियां इस बात का निर्धारण करती हैं कि संक्रमित कोरोना किस हद तक लड़ सकता है, लेकिन लक्षण जीन के अंतर के लिए उन्हें सही ठहराना सही नहीं है। यह भी काफी हद तक निर्धारित करता है कि कोरोना कितनी गंभीरता से हमला करेगा।
इसलिए कुछ लोग अतिसंवेदनशील होते हैं: ‘डिकोड जेनेटिक्स’ के प्रमुख कैरी स्टीफेंसन कहते हैं, “कई संक्रमित गंभीर स्थिति में आ जाते हैं, जबकि कुछ मामूली लक्षणों के बाद ठीक हो जाते हैं। इसके पीछे दो कारण हो सकते हैं। सबसे पहले, आनुवंशिक संरचना, वायरस। विभिन्न शोधों से पता चला है कि कोरोना की कुछ नस्लें अधिक घातक हैं।
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