अन्तर्राष्ट्रीय

मां-बाप की मौत के चार साल बाद हुआ बेटे का जन्म, डीएनए टेस्ट से हुई पुष्टी

नई दिल्ली। आपने ‘कुंवारा बाप’ पिक्चर देखी होगी। फिल्म का नाम सुनकर ही हंसी आती है। खैर, बात असल ज़िन्दगी की करते हैं। अभी तक आपको ये लग रहा होगा कि ये खबर झूठी है या हम, आपको टीवी चैनलों की तरह बस लुभा रहे हैं। जी नहीं, ये खबर चीन से है और सच्ची है। अरे! ये चीन की कोई नई टेक्नोलॉजी नहीं है। पूरी बात तसल्ली से बताते हैं।

बच्चे के मां-बाप 2013 में एक रोड एक्सीडेंट में मारे गए थे। लेकिन दोनों ने अपने भ्रूण पहले ही सुरक्षित रखवा दिए थे। वो चाहते थे कि उनका बच्चा आईवीएफ तकनीक से जन्म ले। मां-बाप की मौत के बाद उनके भ्रूण को चीन के नानजिंग हॉस्पिटल में करीब माइनस 196 डिग्री टेम्प्रेचर पर रखा गया था। आपको बता दें कि, चीन में सरोगेसी पर पाबंदी है। तो ऐसे में एक ही विकल्प बचता है कि सरोगेशन के लिए चीन के बाहर कोख ढूंढी जाए। जिस बच्चे की बात हम कर रहे है उस बच्चे को कोख अफ्रीकी देश लाओस में एक महिला से मिली थी। वहां एक महिला की कोख में भ्रूण को प्लांट किया गया और दिसंबर 2017 बच्चे का जन्म हुआ।

बच्चे का नाम तियांतियां रखा गया। तियांतियां के सामने नागरिकता की समस्या आ रही थी। क्योंकि सरोगेट मदर टूरिस्ट वीजा लेकर चीन आई और उसे जन्म दिया। इसलिए चीन उसे लाओस का नागरिक मान रहा था। तब बच्चे को चीनी नागरिक साबित करने के लिए दादा-नाना को अपना डीएनए टेस्ट देना पड़ा था।

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