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चीन में अमेरिकी आयात पर शुल्क के फैसले से सोयाबीन में गिरावट

नई दिल्ली, 4 अप्रैल (आईएएनएस)| चीन की ओर से बुधवार को सोयाबीन समेत 106 अमेरिकी उत्पादों पर 25 फीसदी अतिरिक्त आयात शुल्क लगाने के फैसले लिए जाने के बाद दुनियाभर के बाजारों में सोयाबीन और सोया तेल की कीमतों में गिरावट का रुख देखा गया। भारत में भी सोयाबीन, सोया तेल समेत अन्य खाद्य तेल का कारोबार मंदा रहा। हालांकि तेल बाजार के जानकारों का कहना है कि भारतीय बाजार पर कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। समाचार एजेंसी ‘सिन्हुआ’ की रपट के मुताबिक, चीन के वित्त मंत्रालय ने कहा कि कस्टम टैरिफ कमीशन ने 14 कोटियों के 106 उत्पादों पर 25 फीसदी अतिरिक्त आयात शुल्क लगाने का फैसला लिया है। यह फैसला अमेरिकी प्रशासन की ओर से एक दिन पहले करीब 50 अरब डॉलर मूल्य के चीनी उत्पादों पर 25 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाने के फैसले की प्रतिक्रिया में लिया गया है।

चीनी वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आयात शुल्क लागू करने की तिथि अमेरिका की ओर से उठाए जाने वाले कदम से तय होगी।

इस बीच भारत में भारतीय वायदा बाजार नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीएक्स) पर स्थानीय समयानुसार शाम चार बजे सोयाबीन का अप्रैल वायदा 1.84 फीसदी की गिरावट के साथ 3,780 रुपये प्रति क्विं टल पर कारोबार कर रहा था जबकि दिन के कारोबार में भाव 3,736 रुपये प्रति क्विं टल तक फिसला।

वहीं, एनसीडीएक्स पर सोया तेल का भाव भी 0.48 फीसदी की गिरावट के साथ 780 रुपये प्रति 10 किलोग्राम पर था।

उधर, शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (सीबोट) पर सोयाबीन के भाव में साढ़े चार फीसदी से अधिक की गिरावट आई। सीबोट पर सोयाबीन का मई वायदा 4.57 फीसदी फिसलकर 99.17 डॉलर प्रति बुशल पर कारोबार कर रहा था। वहीं, सोया तेल में भी करीब दो फीसदी की गिरावट देखी गई।

केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर विजय केडिया ने कहा कि चीन दुनिया में सोयाबीन का सबसे बड़ा खरीदार है और अमेरिका सबसे बड़ा निर्यातक, इसलिए अगर चीन सोयाबीन पर 25 फीसदी आयात शुल्क लगा देता है तो अमेरिका से सोयाबीन का निर्यात घट जाएगा क्योंकि चीन में अमेरिका से सोयाबीन मंगाना महंगा पड़ेगा। ऐसे में दुनिया के बाजार में सोयाबीन में मंदी का माहौल बना रह सकता है। हालांकि भारत पर इसका कोई ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि भारत सोयाबीन का आयात नहीं करता है। भारत सोयातेल का आयात करता है, जिस पर सोयाबीन के भाव का असर रहेगा हालांकि तात्कालिक असर पूरे खाद्य तेल बाजार पर दिख रहा है।

मुंबई के एक खाद्य तेल विश्लेषक ने बताया कि भारत अपनी ज्यादातर सोया तेल की जरूरतों की पूर्ति अर्जेटीना से करता है जबकि चीन ज्यादातर सोयाबीन अमेरिका से खरीदता है। ऐसे में चीनी बाजार में ब्राजील और अर्जेटीना से सोयाबीन की आपूर्ति बढ़ जाएगी, मगर इससे कीमतों में तेजी की संभावना नहीं होगी क्योंकि अमेरिकी बाजार अगर मंदा रहेगा तो अर्जेटीना और ब्राजील में ऊंचा भाव होने की कोई गुजाइंश नहीं होगी।

वहीं, सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) का कहना है कि चीन की सोयाबीन की जितनी खपत है उतनी आपूर्ति अमेरिका के अलावा दूसरे देश से संभव नहीं है इसलिए आयात शुल्क अगर लगता भी है तो अमेरिका से चीन का आयात जारी रहेगा। सोपा के एक अधिकारी ने कहा कि अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है, शुल्क लगने पर ही बाजार की दिशा तय होगी।

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