दलित युवक को घोड़ा रखने की मिली सजा, दबंगों ने कर दी हत्या
अहमदाबाद। गुजरात सरकार और स्थानीय नेता कितने भी दावे कर लें लेकिन गुजरात में दलितों पर हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। वैसे तो यहां की भाजपा सरकार और नेतागण ‘सबका साथ सबका विकास’ नारे के साथ समान अधिकारों की वकालत किया करते हैं, लेकिन सचाई कुछ और ही है। भावनगर जिले में एक दलित युवक के घोड़ा रखने और उसकी सवारी करने को लेकर ऊंची जाति के लोगों ने कथित तौर पर उसकी हत्या कर दी।
क्षेत्र के लोगों ने कहा कि उमराला तहसील के टिंबी गांव में इस घटना के बाद तनाव फैल गया। पुलिस ने कहा कि पास के गांव से तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। आगे की जांच के लिए भावनगर अपराध शाखा से मदद मांगी गई है।
भावनगर डीएसपी SC/ST प्रकोष्ठ एएम सैयद ने कहा कि प्रदीप राठौड़ (21) की शुक्रवार 30 मार्च शाम को जिले के उमराला तालुका स्थित टिम्बी गांव में हत्या कर दी गई। इस सिलसिले में तीन संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
सैयद ने बताया, हम एक पुरानी रंजिश या प्रेम प्रसंग सहित विभिन्न पहलुओं से इस मामले की जांच कर रहे हैं। प्रदीप के पिता कालुभाई राठौर ने कहा कि घोड़ा रखने पर प्रदीप को धमकी मिली थी। धमकी मिलने के बाद वह घोड़े को बेचना चाहता था, लेकिन उन्होंने उसे ऐसा न करने के लिए समझाया।
कालुभाई ने पुलिस को बताया, प्रदीप गुरुवार को खेत यह कहकर गया था कि वह वापस आकर साथ में खाना खाएगा। जब वह देर तक नहीं आया, हमें चिंता हुई और उसे खोजने लगे। हमने उसे खेत की ओर जाने वाली सड़क के पास मृत पाया।
कुछ ही दूरी पर घोड़ा भी मरा हुआ पाया गया। प्रदीप के शव को पोस्टमार्टम के लिए भावनगर सिविल अस्पताल ले जाया गया है, लेकिन उसके परिजनों ने कहा है कि वे लोग वास्तविक दोषियों की गिरफ्तारी तक शव स्वीकार नहीं करेंगे।