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नोबेल पुरस्कार हॉकिंग के लिए रहा हमेशा दूर

नई दिल्ली, 14 मार्च (आईएएनएस)| अल्बर्ट आइंस्टीन के बाद सबसे ज्यादा सराहे जाने वाले सैद्धांतिक भौतिकविदों में से एक स्टीफन हॉकिंग कभी भी नोबेल पुरस्कार नहीं जीत सके । इसकी वजह ब्लैक होल और बिग बैंग के उनके सिद्धांत हैं, जो कभी सत्यापित नहीं हुए। इन्हें केवल सैद्धांतिक भौतिकी में ही स्वीकार किया गया।

नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिका में ‘द साइंस ऑफ लिबर्टी’ के लेखक टिमोथी फेरिस के मुताबिक, समस्या यह है कि विचार को सत्यापित करने का कोई तरीका ही नहीं है।

नोबेल फाउंडेशन में मरणोपरांत व्यक्ति को शामिल नहीं किया जाता है।

प्रोफेसर हॉकिंग के पास एक दर्जन से ज्यादा मानद उपाधियां थीं। साथ ही उन्हें 1982 में सीबीई से पुरस्कृत किया गया था। इसके अलावा 1985 में उन्हें रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के स्वर्ण पदक से भी नवाजा गया था।

वह रॉयल सोसायटी के साथी थे और अमेरिकी नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस के सदस्य थे।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने ट्वीट कर कहा, स्टीफन हॉकिंग को याद कर रहे हैं, वह एक महन भौतिकशास्त्री और विज्ञान के दूत थे। जिन चीजों को हम और दुनिया जानने की कोशिश कर रहे थे उनके सिद्धांतों ने उनके लिए करोड़ों संभावनाएं खोल कर रख दीं।

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