मेटा फेस्टिवल में 10 विविध नाटकों का होगा मंचन
नई दिल्ली, 13 मार्च (आईएएनएस)| सप्ताह भर तक चलने वाले राष्ट्रीय थिएटर फेस्टिवल महिंद्रा एक्सेलेंस इन थिएटर अवार्डस (मेटा) के 13वें संस्करण में इस साल 10 नाटकों में असमिया, बांग्ला, अंग्रेजी, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मणिपुरी भाषाओं के अलावा गैर-संवाद वाले नाटक भी शामिल हैं, जिन्हें कलाकारों की भाव-भंगिमा एवं हाव-भाव के जरिए पेश किया जाएगा।
नई दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम और श्री राम सेंटर में 13 से 18 अप्रैल 2018 तक मेटा फेस्टिवल में चुने गए 10 नाटकों को प्रदर्शित किया जाएगा।
ये नाटक भारतीय पौराणिक कथाओं के माध्यम से लैंगिक अस्मिता, मनोरंजन उद्योग के दांव-पेंच और वहां महिला सहकर्मियों के साथ व्यवहार, बांग्ला लोकसाहित्य, महिला (प्रकृति) और पुरुष (पुरुष) की ऊर्जा के बीच संतुलन, धर्म की राजनीति और राजनीति का धर्म और समाजिक विभाजन, दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापानी साम्राज्यवाद द्वारा महिलाओं के खिलाफ की गई क्रूरता, ग्रीक त्रासदियों की पुनव्र्याख्या, जर्मन दर्शन की पुनर्यात्रा और दिग्गज कोलम्बियाई गोलकीपर जोस रेने हिगुटा जपाटा की खेलने की शानदार शैली जैसे विभिन्न विषयों को उजागर करते हैं।
मेटा को भारत के 22 राज्यों के 280 से अधिक थियेटर समूहों से इस वर्ष 330 से अधिक प्रविष्टियां मिलीं जो 20 से अधिक आधिकारिक भारतीय भाषाओं और 10 क्षेत्रीय बोलियों का प्रतिनिधित्व करती हैं।
महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के सांस्कृतिक विस्तार के प्रमुख जय शाह ने कहा, मेटा के तहत दिखाए जाने वाले नाटक इस महाद्वीप के समृद्ध सामाजिक-सांस्कृतिक कैनवास में निहित जटिलताओं को जीवंतता प्रदान करने में सफल रहे हैं। इस साल का मेटा संस्करण पहले से अलग नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि थिएटर प्रेमी 13वें मेटा महोत्सव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे तथा देश के बेस्ट थियेटरों के साथ मंचीय कला के हर पहलू का लुत्फ उठाएंगे।
द अम्बिलिकल थिएटर (होजांग टारेट), जिसके निर्देशक ओएसिस सौगैजम और थिएटर आर्टिस्ट्री (कोकेशियान चाक स*++++++++++++++++++++++++++++र्*ल) जिसके निर्देशक चन्द्र कीर्ति बी हैं, मेटा में पहली बार प्रवेश कर रहे हैं और उन्हें बेस्ट प्रोडक्शन, बेस्ट डायरेक्टर और बेस्ट कोरियोग्राफी के लिए नामांकित किया गया है। अन्य पहली बार नामांकन में निर्देशक रान्हांग चौधरी के साथ अभिज्ञान (कम्फर्ट विमेन : एन अनटॉल्ड हिस्ट्री), निर्देशक कौमराने वलावानेंद के साथ इंडियनोस्ट्रम थियेटर (करुप्पु) और निर्देशक क्षितिज दाते के साथ नाटक कंपनी (आइटम) शामिल हैं, जिन्हें मेटा में पहली बार प्रवेश मिला है। अनुभवी निर्देशक जीनो जोसेफ के ब्लैक थियेटर का नाटक (नोना) भी पहली बार प्रवेश करने वाला है, जिनके नाटक ‘मट्ठी’ ने 2015 में बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट प्रोडक्शन और बेस्ट ओरिजिनल स्क्रिप्ट के लिए मेटा पुरस्कार जीता था।
मेटा 2018 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड सहित 14 श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। बाकी 13 प्रतियोगी श्रेणियों में बेस्ट नाटक, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट स्टेज डिजाइन, बेस्ट लाइट डिजाइन, बेस्ट इनोवेटिव साउंड डिजाइन, बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइन, मुख्य भूमिका में बेस्ट एक्टर (पुरुष), मुख्य भूमिका में बेस्ट एक्ट्रेस (महिला), सहायक भूमिका में बेस्ट एक्टर (पुरुष), सहायक भूमिका में बेस्ट एक्ट्रेस (महिला), बेस्ट ओरिजिनल स्क्रिप्ट, बेस्ट एन्सेबल और बेस्ट कोरियोग्राफर शामिल है।