बंगाली फिल्म उद्योग का उचित विकास नहीं हो पाया : अनिरुद्ध रॉय चौधरी
मुंबई, 10 मार्च (आईएएनएस)| राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्मकार अनिरुद्ध रॉय चौधरी का कहना है कि बंगाली समुदाय दुनियाभर में रहता है और बंगाली दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है, लेकिन इसका फिल्म उद्योग सही से विकसित नहीं पाया।
‘अंतहीन’ और ‘पिंक’ जैसी फिल्मों के लिए पहचाने जाने वाले अनिरुद्ध का मानना है कि पश्चिम बंगाल के छोटे शहरों में सिनेमाघरों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।
अनिरुद्ध ने यहां फिक्की फ्रेम्स-2018 के दौरान आईएएनएस को बताया, मैं इस बात से सहमत हूं कि हर कहानी की एक निश्चित पहुंच होती है, लेकिन एक अच्छी वितरण प्रणाली फर्क ला सकती है। दुनिया में बंगाली सबसे ज्यादा बोली जाने वाली छठी भाषा है और अन्य अंतर्राष्ट्रीय बाजार जहां बंगाली रहते हैं, उसके साथ ही हमारे पड़ोसी बांग्लादेश में एक बड़ा संभावित बाजार है।
उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से बंगाली फिल्म उद्योग अभी तक सही से पनप नहीं पाया है।
फिल्मकार ने कहा कि यह सच है कि देश में हिंदी फिल्मों की पहुंच ज्यादा है, लेकिन अगर यूरोपीय देशों को देखा जाए तो चाहे हिंदी हो या बंगाली हो, उनके लिए तो बस एक भारतीय फिल्म है, इसलिए बंगाली फिल्मकारों के पास एक सही एजेंट होना चाहिए जो इस भाषा की फिल्म को बाजार में सही स्थान दिला सके। हालांकि, बांग्लादेश में फिल्म और सांस्कृति आदान-प्रदान हो रहा है, लेकिन बड़े पैमाने पर ऐसा होना अभी बाकी है।
अनिरुद्ध ने 2016 में फिल्म ‘पिंक’ से हिंदी फिल्म उद्योग में कदम रखा था, जबकि उनकी बंगाली फिल्में ‘अनुरणन’ और ‘अंतहीन’ राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुकी हैं। उन्हें प्रसिद्धि हिंदी फिल्म से मिली।
अनिरुद्ध हालांकि इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते। उन्होंने कहा कि वास्तव में वह इसे नकारात्मक रूप से नहीं देखते। ‘पिंक’ में अमिताभ बच्चन प्रमुख कलाकारों में से एक थे। फिल्म को जो फायदा वह (अमिताभ) पहुंचा सकते हैं, वह और कौन पहुंचा सकता है? और इसी वजह से फिल्म को अच्छा बाजार और वितरण मिला।