आजकल के पैरेंट्स आखिर क्यों नहीं चाहते दूसरा बच्चा, पढ़ें ये खबर
नई दिल्ली। आजकल की जीवनशैली और लोगों की मानसिकता ने सिंगल बच्चे को प्राथमिकता देनी शुरु कर दी है। बहुत कम ही ऐसे दंपति हैं जो दूसरा बच्चा चाहते हैं। एक सर्वे में यह पता चला है कि भारत में सिर्फ 24 प्रतिशत शादीशुदा महिलाएं दूसरा बच्चा चाहती हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इसमें 10 साल में 68 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई। यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री के नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे द्वारा इस बात का खुलासा हुआ है। 15 से 49 साल के बीच की शादीशुदा महिलाओं पर सर्वे किया गया, जिसमें इस बात का खुलासा हुआ कि सिर्फ 24 प्रतिशत महिलाएं दूसरा बच्चा चाहती थीं। वहीं पुरुषों में यह संख्या 27 प्रतिशत थी।
एक्सपर्ट का मानना है कि इसका मुख्य कारण अच्छा कॅरियर, उच्च स्तर का जीवन जीना और देरी से मां बनना है। वहीं शहर में रहने वाले पढ़े लिखे जोड़े अपने उम्र के 30s और शुरुआती 40s में डॉक्टर के पास पहले बच्चे की प्लानिंग करने के लिए आते हैं। वहीं दिल्ली की एक गायनोकॉलोजिस्ट डॉक्टर का कहना है कि अधिकतर जोड़े देरी से बच्चा करना चाहते हैं क्योंकि वे अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं या वे शादी ही देर से करते हैं। वहीं कुछ जोड़े एक ही बच्चे से खुश है।
ये भी बता दें कि 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 54 प्रतिशत महिलाओं के दो बच्चे थे। वहीं 25 से 29 साल के बीच की 16 प्रतिशत महिलाओं के एक भी बच्चे नहीं थे। लोगों कि रोज बदलती लाइफ स्टाइल को देखते हुए लोगों में बच्चों को अच्छी पढ़ाई, अच्छे कपड़े, गैजेट्स इत्यादि बातों को ध्यान में रखते हुए वे दूसरे बच्चे के लिए नहीं सोचते हैं।